नयी दिल्ली : भारत ने कोरोना वायरस महामारी के कारण दो महीने के अंतराल के बाद 25 मई को घरेलू यात्री उड़ानों को फिर से शुरू किया गया था। इस दौरान कई उड़ानें रद्द हुई थी और यात्रियों ने टिकट रिफंड के लिए आवाज उठाई। कोरोना काल में विमानन कंपनियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं इसलिए उन्होंने रद्द टिकटों पर ‘क्रेडिट शेल’ बनाया था। अब इंडिगो ने अपनी रद्द उड़ानों के सभी यात्रियों को टिकट का पैसा 31 जनवरी 2021 तक लौटाने की घोषणा की है। ये उड़ानें इस साल कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते रद्द हुई थीं। एयरलाइन ने रद्द टिकटों पर ‘क्रेडिट शेल’ बनाया था।
1,000 करोड़ के रिफंड से संबंधित कामकाज पूरा
क्रेडिट शेल का इस्तेमाल उसी यात्री द्वारा भविष्य में यात्रा की बुकिंग के लिए किया जा सकता है। एयरलाइन ने सोमवार को बयान में कहा कि उसने करीब 1,000 करोड़ रुपये के रिफंड से संबंधित कामकाज को पूरा कर लिया है। यह यात्रियों को रिफंड की जाने वाली राशि का करीब 90 फीसदी है।
100 फीसदी क्रेडिट शेल का होगा भुगतान
इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रोनोजॉय दत्ता ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से मार्च के अंत में एयरलाइन का परिचालन पूरी तरह ठप हो गया था। चूंकि हमारे पास नकदी का प्रवाह रुक गया था, इसलिए हम यात्रियों का पैसा लौटा नहीं पा रहे थे। दत्ता ने कहा कि अब परिचालन शुरू होने तथा हवाई यात्रा की मांग में धीरे-धीरे सुधार के बाद हमारी प्राथमिकता रद्द उड़ानों के यात्रियों का पैसा लौटाने की है। दत्ता ने कहा, ‘हम 100 फीसदी क्रेडिट शेल का भुगतान 31 जनवरी 2021 तक कर देंगे।’
31 दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध
विदेश में फंसे यात्रियों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन चलाया गया और कई देशों के साथ एयर बबल करार भी किया गया। कोरोना वायरस महामारी के चलते नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भारत में शेड्यूल अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों की आवाजाही पर प्रतिबंध 31 दिसंबर तक बढ़ाया है। लेकिन इस दौरान वंदे भारत मिशन के तहत जाने वाली उड़ानें जारी रहेंगी। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर 30 नवंबर तक प्रतिबंध था। डीजीसीए के आदेश के अनुसार, केवल चयनित उड़ानों को ही संचालन की अनुमति होगी।
हवाई यात्रा में 2024 तक बन पाएगी 2019 जैसी स्थिति
विमानन कंपनियों के वैश्विक संगठन अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात संघ (आईएटीए) के सीईओ एलेक्जेंडर डि जुनियाक ने कहा था कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते रेवेन्यू पैसेंजर किलोमीटर (राजस्व यात्री किलोमीटर) अपनी 2019 की स्थिति में साल 2024 तक लौट सकेगा। उन्होंने कहा कि अगर वायरस पर नियंत्रण पाने में या वैक्सीन विकसित करने में हम सफल नहीं हुए तो यह समय सीमा और आगे भी बढ़ सकती है।