‘रघुनाथ के होते कोई अनाथ कैसे होगा’

कोलकाता : राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल के प्रांतीय पटल पर विगत रविवार को गंगा दशहरा एवं पितृ दिवस के अवसर पर एक भव्य कवि सम्मेलन का सफलतम आयोजन हुआ l इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल जी की उपस्थिति ने उपस्थित सभी कवियों एवं श्रोताओं का अभूतपूर्व उत्साह वर्धन करके इस कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिया था l इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता प्रांतीय अध्यक्ष डॉक्टर गिरधर राय तथा संचालन अंजनी कुमार राय द्वारा की गई थी l कार्यक्रम का संयोजन डॉ अनिरुद्ध राय द्वारा तथा कार्यक्रम का शुभारंभ रीमा पांडेय द्वारा सुमधुर गंगा वंदना से हुआ ।उपस्थित कवियों में चंद्रिका प्रसाद ‘अनुरागी’, रामपुकार सिंह, बलवंत सिंह, कामायनी संजय, रीमा पांडेय, सीमा सिंह, देवेश मिश्र, शिव शंकर सिंह, संतोष कुमार तिवारी, अशोक कुमार शर्मा, अरविंद कुमार मिश्र एवं कोमल चूड़ीवाल ने अपने काव्य स्वर द्वारा कार्यक्रम की सफलता में अपना विशिष्ट योगदान दियाl मित्तल ने यह कहकर दर्शकों और श्रोताओं का दिल जीत लिया कि “रघुनाथ के और बाबा विश्वनाथ के होते हुए कोई भी व्यक्ति अनाथ कैसे हो सकता है?” प्रांतीय अध्यक्ष गिरधर राय ने अपनी लोकप्रिय घनाक्षरी द्वारा यह उद्घोष कर कि वाम को भी दिखने लगे हैं अब राम जी” श्रोताओं को आनंद विभोर कर दिया । कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन अशोक शर्मा ने किया । कुल मिलाकर यह कार्यक्रम राष्ट्रीय कवि संगम के मूल “मंत्र राष्ट्र जागरण धर्म हमारा” का उद्घोष था।

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