मुस्लिम पिता ने अनाथ हिंदू लड़के को लिया गोद फिर हिंदू रीति रिवाजों से की शादी

हमारे समाज में बच्चों को जितना प्यार दिया जाता है उससे कहीं ज्यादा उनपर बंदिशे भी लगा दी जाती हैं। बच्चे के पैदा होने से लेकर उसकी पढ़ाई-लिखाई, पसंद नापसंद, शादी और रहने के तरीके तक में मां-बाप का पूरा दखल होता है। लेकिन उत्तराखंड में एक पिता ने अपने गोद लिए बेटे को उसके मन मुताबिक और उसके धर्म के अनुसार शादी की। यह अनोखी शादी देहरादून में हुई जहां मोइनुद्दीन ने अपने गोद लिए बेटे राकेश रस्तोगी का विवाह हिंदू रीति रिवाजों से किया। मोइनुद्दीन ने राकेश को 12 साल की उम्र में गोद लिया था।

मोइनुद्दीन की दो बेटियां और एक और बेटा भी है, लेकिन वह राकेश को ही बड़ा बेटा मानते हैं। एएनआई के मुताबिक राकेश को घर में हिंदू धर्म को मानने की पूरी आजादी थी। घर में सभी हिंदू त्यौहार मनाए जाते हैं और हिंदू देवी-देवताओं की पूजा भी की जाती है। राकेश के पालन-पोषण में भी मोइनुद्दीन ने कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन जब बात शादी की आई तो मुश्किल आ खड़ी हुई। कोई भी हिंदी परिवार मोइनुद्दीन के यहां अपनी बेटी भेजने को राजी नहीं था। लेकिन बाद में मोथरोवाला के आत्माराम चौहान अपनी बेटी सोनी की शादी राकेश के साथ करने को राजी हो गए।

हालांकि मोइनुद्दीन ने आज से 15 साल पहले जब राकेश को गोद लिया था तो उनके परिवार वालों और करीबियों ने उन्हें ताने दिए थे और ऐसा न करने को कहा था। लेकिन मोइनुद्दीन ने सिर्फ अपने दिल की सुनी। उन्होंने बताया कि उनका परिवार ईद की तरह ही होली और दिवाली मनाता है। राकेश ने भी कहा कि उसे कभी नहीं लगा कि वह एक मुस्लिम परिवार में पला बढ़ा है। आत्माराम जब रिश्ते के लिए मोइनुद्दीन के घर आए तो वे घर का नजारा देखकर हैरान रह गए। एक मुस्लिम के यहां हिंदू बेटे का रहना और उसे अपने धर्म के मुताबिक काम करने के लिए मिली पूरी आजादी देखकर आत्माराम को खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने फौरन अपनी बेटी का ब्याह राकेश के साथ करने के लिए हां बोल दिया।

 सब कुछ तय होने के बाद पिछले सप्ताह शुक्रवार को राकेश की बारात आत्माराम के यहां गई और पूरे हिंदू रीति रिवाजों के साथ शादी संपन्न हुई। इस अनोखी शादी का स्वागत भी धूमधाम तरीके से किया गया। इस शादी में प्रशासन के भी कई अधिकारी शामिल हुए। बाद में जब सोनी ब्याहकर मोइनुद्दीन के घर आई तो वहां भी लोगों ने उसका पूरे सम्मान के साथ स्वागत किया। घर में रिसेप्शन में मोइनुद्दीन ने मेहमानों के लिए शाकाहारी खाना ही परोसा। हिंदू मुस्लिम एकता की इस मिसाल से वाकई पूरे देशवासियों को काफी कुछ सीखने की जरूरत है।
(साभार – योर स्टोरी)

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