‘मुक्तांचल’ पत्रिका के 35वें अंक का लोकार्पण

हावड़ा । विद्यार्थी मंच द्वारा गत 7 अक्टूबर को ‘मुक्तांचल’ पत्रिका के 35वे अंक के लोकार्पण के उपलक्ष्य में हिन्दी साहित्य में निराला के योगदान पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य विषय निराला की लंबी कविता *’राम की शक्ति पूजा’* थी। कार्यक्रम के आरंभ में हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध लेखक शेखर जोशी के निधन पर एक मिनट का मौन धारण किया गया। इसके पश्चात सुषमा कुमारी ने सरस्वती वंदना का पाठ कर विधिवत रूप से कार्यक्रम का आरंभ किया। कार्यक्रम में उपस्थित प्रिया श्रीवास्तव, सरिता खोवाला, स्वराज पांडे, रवींद्र श्रीवास्तव, रिया मिश्रा, युवराज राय द्वारा निराला की कविताओं का पाठ प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित राम नारायण झा, ‘शब्दकार’ के संस्थापक प्रदीप धानुक, प्रिंस कुमार ने अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ प्रस्तुत किया। विवेक कुमार लाल ने *’राम की शक्ति पूजा’* का भावपूर्ण पाठ प्रस्तुत कर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। अपने संबोधन में उन्होंने यह भी बताया कि *’मुक्तांचल’* पत्रिका के इस 35वें अंक के आवरण पृष्ठ पर बना चित्र पत्रिका की संपादक मीरा सिन्हा के द्वारा बनाया गया है। वह एक सफल शिक्षिका, समृद्ध लेखिका के साथ- साथ एक कुशल चित्रकार भी हैं। युवा कवयित्री श्रद्धा गुप्ता ने अपनी स्वरचित कविता के माध्यम से निराला के जीवनी को प्रस्तुत किया। सभी ने उनके इस प्रयास की सराहना की।
कार्यक्रम में उपस्थित सुरेन्द्र नाथ इवनिंग कॉलेज की युवा प्रवक्ता दिव्या प्रसाद ने अपने वक्तव्य में कहा कि साहित्य एक सुखद पहल है। किताबें खामोश रहकर हमें बोलना सिखाती हैं, पढ़ना सिखाती हैं और भीड़ में हमारा हाथ थाम हमें चलना सिखाती हैं। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. विनय मिश्र ने अपने वक्तव्य में निराला के साहित्य सृजन में उनकी पत्नी मनोहरा देवी के योगदानों को रखा। निराला के विभिन्न रचनाओं पर बात करते हुए उन्होंने निराला की बात रखी – ‘जो योग्य होगा वह जीतेगा’। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. ऋषिकेश राय ने अपने वक्तव्य में छायावाद एवं निराला तथा अन्य छायावादी कवियों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कवि अपनी कविताओं में जितनी बार मरता है कविता उतनी ज्यादा निखरती है और निराला अपनी कविताओं में बार-बार मरते रहे हैं। इसके साथ उन्होंने ‘राम की शक्ति पूजा’ के प्राम्भिक अंश का पाठ प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीप्रकाश गुप्ता ने किया। पत्रिका की संपादक मीरा सिन्हा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर कार्यक्रम को विराम दिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में बलराम साव, सुशील पांडेय आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।