काहिरा : मिस्र में मिले तीन हजार साल पुराने अद्भुत शहर की चर्चा पूरी दुनिया में है। इतने साल बीत जाने के बाद जाने के बाद भी मिस्र के इस ‘सबसे बड़े’ प्राचीन शहर के अवशेषों को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे अभी कल ही इन्हें बनाया गया हो। इस शहर को ‘प्राचीन मिस्र का पोम्पेई’ भी कहा जा रहा है। लक्जर शहर की रेत के नीचे इस करीब 3400 साल पुराने शहर के मिलने की घोषणा मिस्र के चर्चित पुरातत्ववेत्ता डॉक्टर जही हवास ने पिछले सप्ताह की थी। अब इस ‘सोने के शहर’ का पहला वीडियो दुनिया के सामने आ गया है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि मिस्र का यह शहर वर्ष 1922 में तूतनखामून के मकबरे की खोज के बाद सबसे बड़ी खोज है। करीब 7 महीने की खुदाई के बाद इस शहर का पता चला है। इस शहर में अभी अगले कई साल तक आम आदमी को जाने की इजाजत नहीं होगी। इस बीच यूट्यूब चैनल एनेक्केसटी के संचालकों ने इस पूरे शहर का वीडियो जारी किया है। उन्होंने कहा कि ये फुटेज उनके पास एक्सक्लूसिव हैं और अब तक नहीं देखे गए हैं।
मिस्र में खोजा गया सबसे विशाल प्राचीन शहर
मशहूर मिस्र विशेषज्ञ जाही हवास ने ऐलान किया है कि ‘खोए हुए सुनहरे शहर’ की खोज लग्जर के करीब की गई है। यहां राजाओं की घाटी स्थित है। टीम ने एक बयान जारी कर बताया कि डॉ. जाही के तत्वाधान में मिस्र के मिशन में एक शहर मिला है जो रेत के नीचे खो गया था। बयान में कहा गया है, ‘शहर 3000 हजार साल पुराना है, एमेनोटेप III के शासनकाल का और तूतनखामेन के दौरान भी चलता रहा।’इस शहर को मिस्र में खोजा गया सबसे विशाल प्राचीन शहर बताया जा रहा है।
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की मिस्र की कला और पुरातत्वविद प्रफेसर बेट्सी ब्रायन ने बताया कि तूतनखामेन के मकबरे की खोज के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी पुरातत्व खोज है। खोज में अंगूठियों जैसे जेवर, रंगीन बर्तन, ताबीज और एमेनटॉप III की मोहर लगीं मिट्टी की ईंटें मिली हैं। इससे पहले कई बार इस शहर की खोज की गई थी लेकिन इसे कोई खोज नहीं सका। उम्मीद जताई गई है कि आगे की खोज में कई खजाने मिल सकते हैं।
मिस्र के लोगों की अमीरी का गवाह
इस टीम ने पिछले साल सितंबर में खोज शुरू की थी। लग्जर के पास रामसेस III और एमेनटॉप III के मंदिरों के बीच में काहिरा से 500 किमी दूर खोज की गई। कुछ ही हफ्तों में उन्हें सभी जगहों पर मिट्टी की ईंटों से बनीं आकृतियां मिलने लगीं। खुदाई में एक विशाल शहर निकला जो काफी अच्छी हालत में संरक्षित था। करीब-करीब पूरी बनी दीवारें और रोजमर्रा के सामान से भरे कमरे तक पाए गए। टीम के बयान में कहा गया है कि ये इलाका हजारों साल बाद ऐसे मिला है जैसे कल ही का हो। सात महीने बाद कई इलाकों को खोज लिया गया था। इसमें अवन के साथ बेकरी और बर्तनों का स्टोर भी मिला। यहां तक कि प्रशासनिक और रिहायशी डिस्ट्रिक्ट भी मिलीं। एमेनटॉप III ने विरासत में ऐसा साम्राज्य पाया था जो यूफरेट्स से सूडान तक फैला था। उसकी मौत 1354 ईसा पूर्व में हुई। उसने चार दशकों तक राज किया। इस काल को समृद्धि और भव्य इमारतों के लिए जाना जाता है। इनमें लग्जर के पास लगीं उसकी और उसकी रानी की विशाल प्रतिमाएं शामिल हैं। ब्रयान ने बताया कि इस खोज से प्राचीन मिस्र के सबसे अमीर काल को जाना जा सकेगा।
(साभार – नवभारत टाइम्स)