नयी दिल्ली । भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम वाणी (पीएम – वाणी) योजना की शुरुआत की है। इसका मुख्य उद्देश्य देश के हर नागरिक को सस्ती और आसानी से उपलब्ध इंटरनेट सेवा प्रदान करना है। इस योजना के तहत, सरकार ने 5 करोड़ पीएम-वाईफाई हॉटस्पॉट स्थापित करने का लक्ष्य रखा है, जिससे गांवों और दूर-दराज के इलाकों में भी इंटरनेट की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। सस्ती ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं होंगी उपलब्ध वर्तमान में, इंटरनेट सेवा मोबाइल टावर्स के माध्यम से दी जाती है, लेकिन कई क्षेत्रों में मोबाइल टावर्स की कमी है। इसका परिणाम यह है कि लोग इंटरनेट और मोबाइल कॉल की सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। पीएम वाणी योजना के तहत, सरकार छोटे-छोटे वाईफाई हॉटस्पॉट्स स्थापित कर रही है, जिससे सस्ती ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध होंगी।
लाखों लोगों को मिलेंगी सस्ती इंटरनेट सेवाएं ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) के अध्ययन के अनुसार, पीएम वाणी एक महत्वपूर्ण पहल है, जो सरकार के लिए घाटे का कारण नहीं बनेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस योजना के तहत, टेलीकॉम कंपनियों को अतिरिक्त 60,000 करोड़ रुपये की आय होने की संभावना है। इससे टेलीकॉम कंपनियों की चिंताएं कुछ हद तक दूर हो सकती हैं। हालांकि, वोडाफोन-आईडिया, जियो और एयरटेल जैसी कंपनियों को इस योजना से अपने राजस्व में कमी की आशंका है। उनका मानना है कि पीएम वाणी के तहत स्थापित वाईफाई हॉटस्पॉट्स उनके व्यवसाय पर काफी प्रभाव डाल सकते हैं। लेकिन सरकार का मानना है कि इससे लाखों लोगों को सस्ती इंटरनेट सेवाएं मिलेंगी, जिससे उनका जीवन बेहतर होगा।
गौरतलब है कि पीएम वाणी का पूरा नाम प्रधानमंत्री वाईफाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस है, जो 9 दिसंबर 2020 को शुरू हुआ। इसके तहत, लोगों को ओपन एयर वाईफाई नेटवर्क के माध्यम से इंटरनेट सेवा प्रदान की जाएगी। सरकार ने इसमें कुछ बदलाव किए हैं, जिससे यह प्रणाली और प्रभावी बनेगी। आजकल, कंप्यूटर, टैबलेट और स्मार्ट टीवी जैसे उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ गया है और मोबाइल डेटा अब पर्याप्त नहीं है। ऐसे में, पीएम वाणी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। सरकार इस योजना को तेजी से लागू करने के लिए प्रयासरत है, जिससे पूरे देश में वाईफाई कनेक्टिविटी का विस्तार हो सके। यह एक वाईफाई क्रांति की तरह होगा, जो सभी के लिए डिजिटल दुनिया के दरवाजे खोलेगा।