मानव प्रेम का आख्यान हैं केदारनाथ सिंह की कविताएं

कोलकाता : विद्यासागर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से ‘केदारनाथ सिंह के काव्य में मानव- मूल्य विषय’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। पंकज सिंह ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। उद्धाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए डॉ अब्दुल रहीम ने केदारनाथ सिंह को हिंदी कविता का बड़ा कवि बताया। उद्धाटन वक्तव्य रखते हुए विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष प्रो. दामोदर मिश्र ने मानव मूल्य पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि केदारनाथ सिंह अपनी रचनाओं में मानव मूल्यों के रक्षार्थ प्रतिबद्ध रहे हैं। स्वागत भाषण देते हुए विभागाध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि केदारनाथ सिंह हिंदी कविता के सबसे सहज एवं सौम्य कवि हैं। जिन्होंने साधारण घटनाओं को असाधारणत्व प्रदान किया। बीज वक्तव्य रखते हुए रांची विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. अरुण कुमार ने कहा कि केदारनाथ सिंह की कविता जीवन की विविधताओं से भरी हैं। जहां वे केंद्र की सत्ता को खारिज करते हुए हाशिए के लोगों को स्पेश देते हैं। बतौर मुख्य वक्ता प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के डॉ. ऋषिभूषण चौबे ने केदारनाथ सिंह के साथ बिताए आत्मीय क्षणों का उल्लेख करते हुए कहा कि केदारनाथ सिंह हिंदी कविता के सबसे निश्छल एवं मनई कवि हैं। डॉ. रणजीत सिन्हा ने कहा कि केदारनाथ सिंह का काव्य मानव प्रेम का आख्यान है। राजा नरेंद्र लाल खान महिला कॉलेज की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ रेणू गुप्ता ने कहा कि केदारनाथ सिंह ने कबीर और तुलसी की परंपरा का निर्वाह करते हुए हिंदी कविता को लोकजीवन से जोड़ा है। खड़गपुर कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. संजय पासवान ने कहा कि केदारनाथ सिंह ने जीवन की छोटी सी छोटी घटना को महत्व प्रदान किया है। इस अवसर पर चंदना मंडल, डॉ. प्रियंका मिश्रा, प्रभाती मुंगराज, विनय प्रसाद,सुजाता सिंह, मौसमी गोप,रूपल साव, धनंजय प्रसाद, रीता जायसवाल, सीमा साह, राजकुमार मिश्र, श्रद्धा उपाध्याय ,विनोद यादव, राकेश चौबे,सुषमा सिंह, रूपेश यादव, अनिल साह,प्रियंका गुप्ता,राहुल शर्मा, पूजा कुमारी साव तथा पिंकी बागमार ने आलेख पाठ किया। कार्यक्रम का सफल संचालन राहुल गौड़, मधु सिंह, तथा धन्यवाद ज्ञापन देते हुए विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ प्रमोद कुमार प्रसाद ने कहा कि केदार जी का साहित्य पढ़ना असल में मनुष्यता का पाठ पढ़ने जैसा है।

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