इंदौर ।अंकिता नागर जो कमाल किया वो देश की सारी लड़कियों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है। संघर्ष में तपना जरूरी है लेकिन, इसका परिणाम जरूर मिलता है और जब मिलता है तो न सिर्फ आपको खुशी होती है बल्कि, आपसे जुड़े हर किसी को। अंकिता नागर अपने माता-पिता के साथ सब्जी बेचते हुए पढ़ाई की और यहीं से वो सिविज जज बनी। उनका चयन जब हुआ तो उनके माता पिता में आपार खुशी दिखी साथ ही पूरा देश उन्हें सलाम कर रहा है।
अंकिता अपने माता-पिता के साथ सब्जी की दुकान पर रहती थी और जैसे ही मौका मिलता वो अपनी तैयारी करनी शुरू कर देती। सिविल जज में चयन होने के बाद भी अंकिता अपनी दुकान पर पहुंचकर सब्जी बेच रही थी। अंकिता की सफलता पर उसके पूरे परिवार को गर्व है। सिविल जज बनी अंकिता को तीसरी कोशिश में यह सफलता हाथ लगी है। एलएलबी की पढ़ाई के दौरान ही वह सिविल जज बनने की तैयारी में जुट गई थी। माता-पिता ने भी अपनी आर्थिक स्थिति को इसकी पढ़ाई में कभी आड़े नहीं आने दिया।