महिला सरपंच की पहल से भरे 7 नाड़ी तालाब, मानसून में विकसित होंगे चारागाह

ओसियां : निकटवर्ती पंचायत जाटीपुरा मुकाम सिमरथ नगर पंचायत की युवा एवं पढ़ी लिखी प्रथम महिला सरपंच सुमन चौधरी की सोच ने गांव के नाडी, तालाब, गोचर, ओरण एवं चारागाह की तस्वीर बदल दी। सरपंच के प्रस्ताव पर उनके ससुर व ओसियां के पूर्व सरपंच चौधरी देवीलाल ने इस काम में समस्त महाजन ट्रस्ट से सम्पर्क कर जेसीबी मशीन उपलब्ध करवाने की अपील की। ट्रस्ट द्वारा जेसीबी मशीन निःशुल्क उपलब्ध करवाने पर चौधरी ने डीजल व अन्य खर्चे खुद वहन करके गोचर व ओरण से अंग्रेजी बबूल की सफाई करवाई। इसी प्रकार से पंचायत क्षेत्र की सात नाडियों से कंटीली झाड़ियां कटा कर साफ सफाई करवाई। तीन महीने तक 750 घण्टे काम कराया गया। रोजाना 5 हजार रुपये का खर्च चौधरी ने खुद वहन किया। जाटीपुरा सहित आसपास की ग्राम पंचायतों के लोगों ने भी स्वागत किया।
उन्होंने चौधरियों की नाडी, रेवाणी नाडी, तिण्डिया नाडा, रातड़ा नाडा, सोनेलाई नाडी, दादोलाई नाडी, कानानाडा तथा बांदेलाव तालाब के आगोर व गोचर की 750 बीघा जमीन को अंग्रेजी बबूल व अन्य कंटीली झाड़ियों से मुक्त कर सभी नाडियों को गहरा करवा दिया है। इन सभी परम्परागत जल स्रोत में पानी की आवक के रास्ते खोलने एवं अतिरिक्त मिट्टी निकालने का कार्य लगभग पूर्ण होने के स्तर पर है। देवीलाल चौधरी ने बताया कि वर्षों से उनका यह सपना था कि उनके आसपास के क्षेत्र में अंग्रेजी बबूल हट जाए तथा उसकी जगह पर पशुओं के लिए चारागाह एवं हरे-भरे छायादार पौधे लगे। सातों नाड़ी में अब वर्षभर पानी रहेगा, जिससे पशुओं के साथ साथ क्षेत्र के समस्त पशु-पक्षी, वन्य जीवों को वर्ष पर्यंत पीने का पानी मिलेगा।

जल स्रोतों की दुर्दशा को देखकर उठाया बीड़ा
सरपंच सुमन चौधरी ने बताया कि ग्राम पंचायत क्षेत्र के परम्परागत जल स्रोतों की दुर्दशा को देखकर इनकी सुध लेने की बात मैंने मेरे ससुर पूर्व सरपंच चौधरी देवीलाल के सामने रखी तो उन्होंने सरकारी पैसे का इंतज़ार किए बिना अपनी निजी आय से कार्य करवाने की हां कर दी। पूर्व सरपंच चौधरी देवीलाल ने बताया कि इस कार्य के लिए बजट बहुत ज्यादा होने के कारण यह कार्य काफी समय तक सपना ही बना रहा लेकिन समस्त महाजन संस्था के आगे आने से उनके द्वारा बिना किराए जेसीबी मशीन उपलब्ध कराने से यह काम आसान हो गया। डीजल का खर्चा मैंने स्वयं वहन किया, इस वजह से यह कार्य संभव हो सका। आने वाली बरसात के सीजन में मेरी तरफ से सभी ग्रामीणों को मुफ्त में पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे तथा उसके बदले में उन पौधों को पानी पिलाने की जिम्मेदारी ग्रामवासियों को दी जाएगी। सेवण घास के बीज लगाकर चारागाह का विकास भी किया जाएगा।

(साभार – दैनिक भास्कर)

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