Thursday, March 13, 2025
खबर एवं विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें - [email protected]

महाशिवरात्रि विशेष : शिव ही शक्ति हैं, शक्ति ही शिव हैं

पुराणों में उल्लेख है कि ब्रह्मा जी के द्वारा बनाई गई सृष्टि में आदि और प्रकृति ने मिलकर धरती पर नये प्राणियों को जन्म देकर धरती का विकास किया। पौराणिक कथाओं के अनुसार, आदि को शिव जी और प्रकृति को शक्ति माना जाता है। इसका अर्थ हुआ कि शिव जी और शक्ति ने ही धरती पर प्राणियों के लिए जीवन संभव बनाया। इसलिए आज भी शिव जी और शक्ति को एक साथ आदिशक्ति के रूप में पूजा जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि शिव ही शक्ति है, शक्ति ही शिव है।
शिव ने ही सृष्टि के हित के लिए शक्ति का रूप बनाया था ताकि धरती पर नये प्राणियों का जीवन शुरू हो सके। इसलिए शिव और शक्ति एक-दूसरे के बिना अधूरे है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि आखिर शिव, शक्ति के बिना अधूरे क्यों है।सृष्टि के निर्माण के बाद ब्रह्मा जी ने देखा कि धरती पर किसी भी तरह का कोई विकास नहीं हो रहा। कोई भी नया जीव जन्म नहीं ले रहा है। इसलिए ब्रह्मा जी विष्णु जी से सहायता मांगी। विष्णु जी ने ब्रह्मा जी को शिव जी की तपस्या का सुझाव दिया। ब्रह्मा जी शिव जी की तपस्या की, तब शिव जी ने अपने आधे शरीर से एक रूप बनाया जिसे शक्ति नाम दिया गया।
शिव-शक्ति का यह रूप अर्धनारीश्वर कहलाया। ब्रह्मा जी ने शिव जी से पूछा कि आपका यह दूसरा रूप कौन है, तब शिव जी ने अपने दोनों रूपों को अलग-अलग किया और एक पुरुष और एक नारी की आकृति बनाई। शिव के पुरुष रूप और नारी रूप शक्ति ने मिलकर धरती पर नए जीवों को बनाया जिससे धरती पर जीवों की संख्या बढ़ने लगी और धरती का विकास होने लगा। शिव जी का शक्तिरूप, मां पार्वती के रूप का आधार है। अगर शिव जी ने शक्ति नही बनाई होती तो मां पार्वती भी कभी अस्तित्व में नहीं आती।
शिव और शक्ति एक-दूसरे के पूरक माने जाते हैं, क्योंकि शिव और शक्ति एक ही है।शास्त्रों में बताया गया है कि शिव जी और शक्ति का अर्धनारीश्वर रूप स्त्री और पुरुष की समानता को बताता है। शिव जी और शक्ति का यह रूप आज के युग में बहुत अधिक महत्व रखता है। शिव जी के अर्धनारीश्वर रूप से यह पता चलता है कि स्त्री और पुरुष को हमेशा अपने जीवन में संतुलन बनाए रखना चाहिए ताकि उनका सम्पूर्ण विकास हो सके। पुरुषों को यह ध्यान रखना चाहिए की उनके हर तरह के कार्यों में नारी का भी पूर्ण योगदान होता है। इसलिए नारी का सम्मान करना चाहिए। शिव- शक्ति मिलकर यह सीख देते है कि स्त्री और पुरुष एक- दूसरे के लिए समान रूप से समर्पित रहना चाहिए ताकि वो अपने जीवन में आने वाली सभी समस्याओं को मिलकर समझदारी से खत्म कर सकें।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

शुभजिताhttps://www.shubhjita.com/
शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।
Latest news
Related news