कोलकाता : महाराजा श्रीषचन्द्र कॉलेज में प्रेमचंद जयंती समारोह का आयोजन किया गया, जिसका प्रमुख विषय: “प्रेमचंद और आज का समय”। कार्यक्रम का उद्घघाटन भाषण कॉलेज के प्राचार्य डॉ० श्यामल कुमार चक्रवर्ती ने दिया जिसमें उन्होंने प्रेमचंद के लेखनी जीवन के संघर्षों को बताया अपने बीज भाषण में डॉ. कार्तिक चौधरी ने प्रेमचंद आज के समय की जरूरत है। प्रेमचंद ने किसान, दलित, साम्प्रदायिकता, राष्ट्रवाद पर जो नज़रिया दिया है, वह आज के समय से आसानी से जुड़ जाता है और साथ ही प्रेमचंद की कहानियों पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रेमचंद ने अपने कहानियों में जिन मजदूर पात्र को रखा है वह हमारे आस पास के ही लोग है। पूस की रात में जहाँ हल्कू खेती छोड़ने की बात करता है उसका दूसरा पड़ाव ही कफन कहानी का मजदूर पात्र घीसू माधव है। वह कामचोर हो ही नही सकते बल्कि व्यवस्था ने उन्हें ऐसा बना दिया है। कॉलेज की अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो० देबजानी लाहिरी ने प्रेमचंद की ‘कफन’ कहानी को वर्तमान जीवन से जोड़ा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आचार्य जगदीश चंद्र बोस कॉलेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. अभिलाष कुमार गोंड ने अपना व्यक्तव्य रखते हुए कहा प्रेमचंद के कहानी, उपन्यासों के पात्र आज भी समाज में मौजूद है और प्रेमचंद के साहित्य को नयी दृष्टि से देखने की जरूरत है। समापन सत्र में कॉलेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ० विजय रवानी ने प्रेमचंद के आधुनिक युग पर प्रभाव को बताया व धन्यवाद ज्ञापन प्रो० प्रतिमा शुक्ला ने किया। कार्यक्रम का संचालन विक्रम साव और पूजा सिंह ने किया। कार्यक्रम में ‘सवा सेर गेंहू’ कहानी पर नाटक, संगीत, नृत्य और भाषण की प्रस्तुति की गई। इस कार्यक्रम में कॉलेज के अलावा विभाग के सुशील, आशीष, विनय, उत्तम, उज़्मा, प्रीति, निधि, माधुरी, पूजा, मंजुला आदि छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया।