कोलकाता : महानगर के राष्ट्रीय पुस्तकालय के एनएलकेए सभागार में वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र प्रताप सिंह की जयंती पूरे उत्साह के साथ मनाई गयी। एसपी के नाम से मशहूर सुरेंद्र प्रताप सिंह धर्मयुग, रविवार और नवभारत टाइम्स के अलावा आज तक और इंडिया टुडे जैसे संस्थानों में उन्होंने बतौर फीचर सम्पादक, संपादक और स्तंभकार के रुप में अपनी सेवा दी थी। उनके नेतृत्व में कोलकाता से प्रकाशित रविवार ने हिंदी पत्रकारिता में एक नयी धारा को जन्म दिया था। इस अवसर पर वक्ताओं ने एसपी के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जानकारी प्रदान करने की जरुरत पर बल दिया। कोलकाता की धरती से एसपी ने एक इतिहास रचा था। जो बाद में आज तक जैसे इलेक्ट्रानिक मीडिया के रुप में उभरा। आंनद बाजार पत्रिका समूह ने भी उस समय एसपी के नेतृत्व में हिंदी की ताकत को पहचाना था और इस पत्रिका ने केवल दस सालों से भी कम समय में पूरे देश में राजनीतिक पत्रिका के रुप में अपनी पहचान स्थापित की थी।
एसपी का नहीं होना हिंदी ही नहीं भारतीय पत्रकारिता के लिए अपूरणीय क्षति है। दिल्ली के उपहार सिनेमा कांड के बाद उनको खबर पढते समय हृदयाघात हुआ और उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं उनका 27 जून, 1997 को निधन हुआ था। इस समारोह का आयोजन एनएलकेए और महानायक स्मृति संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। कार्यक्रम को सफल बनाने में अजय कुमार झा, रमेश द्विवेदी, राजीव चक्रवर्ती, अंशुमान भारती, पल्लव घोष, कुणाल रायचौधरी, राकेश हेला, नम्रता पांडे, रमाकांत पांडा, श्यामल साहा,शीर्षेंदू सिन्हा, रामवृक्ष राम आदि की मुख्य भूमिका थी।