नयी दिल्ली : भारतीय फुटबॉल का ‘एनसाइक्लोपीडिया’ कहे जाने वाले मशहूर कमेंटेटर और दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर नोवी कपाड़िया का लंबी बीमारी के बाद गत 18 नवम्बर को निधन हो गया। वह 67 वर्ष के थे। कपाड़िया अविवाहित थे और उनकी बहन की मृत्यु के बाद उनके परिवार में कोई नहीं था। नौ फीफा विश्व कप कवर कर चुके कपाड़िया पिछले एक महीने से वेंटिलेटर पर थे, उन्हें ‘मोटर न्यूरोन ’ बीमारी थी, जिसमें रीढ की नसें और दिमाग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है, इसकी वजह से वह पिछले दो साल से अपने घर में ही बंद थे।
लंबे समय से बिस्तर पर ही रहने को मजबूर कपाड़िया हाल ही में पेंशन संबंधी मसले के कारण चर्चा में आए थे जब पूर्व खेल मंत्री किरेन रिजीजू ने मामले में दखल देकर उन्हें चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता दिलाई थी। कपाड़िया पिछले कई दशक से ओलंपिक, एशियाई खेल,राष्ट्रमंडल खेल की कमेंट्री करते आए हैं। अशोक क्लब के संस्थापक कपाड़िया ने स्थानीय लीग में फुटबॉल खेला। उन्होंने ‘बेयरफुट टू बूट्स: द मेनी लाइव्स आफ इंडियन फुटबॉल’ किताब भी लिखी। इसके अलावा फुटबॉल प्रेमियों के लिए गाइड भी 2014 में लिखी। वह एसजीटीबी खालसा कॉलेज में पूर्व प्रोफेसर भी थे।