मथुरा उत्तर प्रदेश जिले में यमुना नदी के तट पर बसा एक सुंदर शहर है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था। जानते हैं जन्मभूमि मंदिर की अनसुनी 10 बातें –
1. कथाओं के अनुसार श्रीकृष्ण प्रपौत्र व्रजनाभ ने ही सर्वप्रथम उनकी स्मृति में केशवदेव मंदिर की स्थापना की थी।
2. इसके बाद यह मंदिर 80-57 ईसा पूर्व बनाया गया था। इस संबंध में महाक्षत्रप सौदास के समय के एक शिलालेख से ज्ञात होता है कि किसी ‘वसु’ नामक व्यक्ति ने यह मंदिर बनाया था।
3. काल के थपेड़ों ने मंदिर की स्थिति खराब कर दी। करीब 400 साल बाद गुप्त सम्राट विक्रमादित्य ने उसी स्थान पर भव्य मंदिर बनवाया। इसका वर्णन भारत यात्रा पर आए चीनी यात्रियों फाह्यान और ह्वेनसांग ने भी किया है।
4. ईस्वी सन् 1017-18 में महमूद गजनवी ने मथुरा के समस्त मंदिर तुड़वा दिए थे, लेकिन उसके लौटते ही मंदिर बन गए।
5. बाद में इसे महाराजा विजयपाल देव के शासन में सन् 1150 ई. में जज्ज नामक किसी व्यक्ति ने बनवाया।
6. यह मंदिर पहले की अपेक्षा और भी विशाल था, जिसे 16वीं शताब्दी के आरंभ में सिकंदर लोदी ने नष्ट करवा डाला।
7. ओरछा के शासक राजा वीरसिंह जू देव बुन्देला ने पुन: इस खंडहर पड़े स्थान पर एक भव्य और पहले की अपेक्षा विशाल मंदिर बनवाया। इसके संबंध में कहा जाता है कि यह इतना ऊंचा और विशाल था कि यह आगरा से दिखाई देता था।
8. इसके बाद मुस्लिम शासकों ने सन् 1669 ईस्वी में इस मंदिर को नष्ट कर इसकी भवन सामग्री से जन्मभूमि के आधे हिस्से पर एक भव्य ईदगाह बनवा दी गई, जो कि आज भी विद्यमान है।
9. इस ईदगाह के पीछे ही महामना पंडित मदनमोहन मालवीयजी की प्रेरणा से पुन: एक मंदिर स्थापित किया गया है।
10. कहते हैं कि अब जन्मभूमि के आधे हिस्से पर ईदगाह है और आधे पर मंदिर है।
(साभार – वेबदुनिया)