दिल्ली स्थित सोशल इंटरप्राइज निर्मलया को सुरभि, कॉमर्स ग्रेजुएट राजीव बंसल के साथ मिलकर संभालती हैं। वह दिल्ली में 120 से अधिक मंदिरों के साथ काम करती हैं और फूलों के कचरे से अगरबत्ती, शंकु, धूप अगरबत्ती और हवन कप बनाती हैं। इसकी शुरुआत के बारे में बताते हुए राजीव कहते हैं कि अप्रैल 2019 में उन्होंने महाराष्ट्र के शिर्डी मंदिर में यह देखा कि किस तरह अर्पित किए फूलों को रिसाइकिल किया जाता है। इस पर रिसर्च करने के बाद उन्होंने सुरभि के साथ मिलकर निर्मलया की शुरुआत की।
इन दोनों ने दिल्ली के धाम कॉम्प्लेक्स में अपनी फैक्ट्री की स्थापना की। फैक्ट्री के शुरुआती दौर में यहां 40 महिलाएं काम करती थीं। लेकिन महामारी के चलते मंदिर बंद होने और प्रसाद में कमी आने की वजह से फिलहाल यहां 15 महिलाएं काम कर रही हैं। इनके द्वारा तैयार किए गए प्रोडक्ट्स की कीमत 150 से 1500 है जो ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे अमेजन और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध हैं। इस ब्रांड के प्रोडक्ट्स गोवा, बेंगलुरु और कोलकाता के एयरपोर्ट पर रिटेल स्टोर्स में भी मिल जाते हैं। 70 लाख से शुरू किए गए इस स्टार्ट अप के उद्यमी सुरभि और राजीव को आने वाले कुछ महीनों में अपने काम के बढ़ने की पूरी उम्मीद है।
(साभार – दैनिक भास्कर)