नयी दिल्ली । भारत को आबादी के हिसाब से अस्पताल में बिस्तरों (बेड) के वैश्विक औसत तक पहुंचने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में 2030 तक 1.3 अरब वर्ग फुट अतिरिक्त जगह की जरूरत होगी। रियल एस्टेट कंपनी सीबीआरई ने एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है।
सीबीआरई की रिपोर्ट ‘द इवॉल्विंग इंडियन हेल्थकेयर इकोसिस्टम: व्हाट इट मीन्स फॉर द रियल एस्टेट सेक्टर’ में कहा कि 2019 में भारत में उपलब्ध बिस्तरों की कुल संख्या 19 लाख थी। जबकि स्वास्थ्य क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 90 करोड़ वर्ग फुट था। सलाहकार कंपनी ने अनुमान जताया है कि अस्पतालों में बिस्तरों की वैश्विक औसत संख्या तक पहुंचने के लिए भारत को 2030 तक 29 लाख बिस्तरों की जरुरत होगी। रिपोर्ट के अनुसार, आबादी के मुकाबले बिस्तरों की वैश्विक औसत संख्या तक पहुंचने के लिए भारत को 2030 तक अतिरिक्त 1.3 अरब वर्ग फुट क्षेत्र की जरूरत होगी।
सीबीआरई दक्षिण एशिया ने एक बयान में कहा, ‘‘पूरे विश्व में भारत आबादी के हिसाब से सबसे कम अस्पताल बिस्तरों वाले देशों में से एक है। ’’ रिपोर्ट में में यह भी पाया गया कि भारत के दूसरे और तीसरे श्रेणी के शहरों में अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका) अंशुमान मैग्जीन ने कहा, ‘‘भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र बढ़ती आमदनी, स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता, स्वास्थ्य बीमा तक बेहतर पहुंच और स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार का खर्च बढ़ने की वजह से तेजी से आगे बढ़ रहा है।’’