नैहाटी : हिंदी दिवस समारोह के अवसर पर दीनानाथ मेमोरियल सोसायटी की ओर से गौरीपुर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मेला का 2020 का आयोजन, गौरीपुर मीराबागान मैदान में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ. हिरण्मय भट्टाचार्य स्मृति मंच के उद्घाटन के साथ किया गया।बेटी दिवस के अवसर पर डॉ इंदु सिंह,डॉ कलावती कुमारी, डॉ सुनीता साव एवं डॉ. कम्मो खटिक ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरूआत की। इस अवसर पर ‘भारत की एकता और हिंदी विषय पर आयोजित परिचर्चा में मारीशस से हिस्सा लेते हुए डॉ सुरीत रघुनंदन ने कहा कि हिंदी पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोती है। डॉ कलावती कुमारी ने कहा कि हिंदी की समृद्ध परंपरा में भारत की एकता का बीज अंतर्निहित है। प्रो. एन चंद्र राव ने कहा कि हिंदी पूरे देश के बीच एक पुल की तरह है। प्रो.अजय चौधरी ने हिंदी के व्यावहारिक रूप पर चर्चा की। डॉ सुनीता साव ने कहा कि हिंदी को अधिकाधिक भारतीयों भाषाओं के बीच जोड़ने की जरूरत है। इस अवसर पर हिंदी के वरिष्ठ आलोचक शंभुनाथ, पश्चिम बंगाल हिंदी अकादमी की सदस्य प्रो.राजश्री शुक्ला, प्रियंकर पालीवाल, प्रो.रामप्रवेश रजक, प्रो.रीता चौधरी ने अपने शुभकामना संदेश भेजे । इस अवसर पर आयोजित लोकगीत में लोकगायक पंकज सिंह, दीपक ठाकुर, नैना प्रसाद, राजेश सिंह, अमरजीत पंडित तथा नाट्यकर्मी सुशील कांति ने अपने गीतों की प्रस्तुति दी। काव्यपाठ के अंतर्गत डॉ. इंदु सिंह, राहुल शर्मा, मनीषा गुप्ता, नागेंद्र पंडित, सिपाली गुप्ता, गोविंदा चौधरी, ओम प्रकाश प्रसाद, पंकज सिंह, सूर्य देव रॉय, रूपेश कुमार यादव, रवि पंडित, कोमल साव, निखिता पांडेय, कोमल साव और निशा राजभर ने अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया। विशिष्ट अतिथि नैहाटी के विधायक और नाटककार पार्थ भौमिक भी इस अवसर पर उपस्थित थे। । संस्था के सचिव रंजीत साव ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।कार्यक्रम का सफल संचालन रामनाथ साव, पंकज सिंह, राहुल गौड़ ने किया। विषय प्रवर्तन करते हुए संयोजक संजय जायसवाल ने कहा कि हिंदी भारतीय भाषा के बीच एक पुल है । हिंदी की विशाल ज्ञान परंपरा और भाषा के विकास में तमाम भारतीय भाषाओं,कवियों, कलाकारों और संस्कृति का रस मिला है। इस अवसर पर साहित्य,समाज और शिक्षा में विशेष योगदान के लिए सैकड़ों लोगों को प्रतिभा सम्मान से सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन राजेंद्र गुप्ता ने दिया।