36 लाख से अधिक लोगों को दे रहे रोजगार
वाशिंगटन : भारतीय मूल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) का दबदबा कॉरपोरेट वर्ल्ड में तेजी से बढ़ा है। इसी का परिणाम है कि अमेरिका, कनाडा और सिंगापुर सहित 11 देशों में भारतीय मूल के 58 सीईओ का परचम लहरा रहा है। इनमें माइक्रोसाफ्ट के सत्य नडाला से लेकर गूगल के सुंदर पिचाई भी शामिल हैं। वैश्विक स्तर पर भारतीय मूल के दिग्गज पेशेवरों के संगठन ‘इंडियास्पोरा’ की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मूल के 58 सीईओ दुनिया भर में 36 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया करा रहे हैं। साथ ही सालाना 1000 अरब डॉलर की कमाई कर रहे हैं। भारतीय मूल के अधिपत्य वाले इन कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 4,000 अरब डॉलर से अधिक है।
सफलता की शिखर पर पहुंचने का रफ्तार बढ़ा
रिपोर्ट के अनुसार, हाल के वर्षों में भारतीय मूल के कारोबारी नेता पहले से कहीं अधिक संख्या में कॉरपोरेट सफलता के शिखर पर पहुंच रहे हैं। इनमें से कई अपने मंचों का इस्तेमाल सामाजिक परिवर्तन की पैरोकारी के लिए कर रहे हैं। भारतीय मूल के सीईओ के कार्यकाल के दौरान इन कंपनियों ने 23 प्रतिशत का वार्षिक लाभ दिया। ये प्रतिफल एसएंडपी 500 कंपनियों के मुकाबले काफी अधिक है।
तकनीकी के अलावा दूसरे क्षेत्रों में भी बोलबाला
भारतीय सीईओ के बारे में आम धारणा यह है कि वे तकनीकी क्षेत्र से होते हैं, लेकिन 58 सीईओ की यह सूची उस मिथक को दूर करती है। इंडियास्पोरा के संस्थापक एम आर रंगास्वामी ने कहा कि ये सीईओ बैंकिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता वस्तुओं और परामर्श सहित कई अलग-अलग क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन अधिकारियों की उम्र 37 वर्ष से 74 वर्ष के बीच है और इनकी औसत उम्र 54 साल है।
कोरोना वायरस से निपटने में अहम भूमिका
कोरोना वायरस महामारी के दौरान इन कंपनियों ने मानवीय सहायता के लिए बहुत योगदान किया और साथ ही अपने कर्मचारियों, अपने ग्राहकों और आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े लोगों का ध्यान रखा। रंगस्वामी ने कहा, ये कंपनियां कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए बहुत कुछ कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सूची में शामिल कई अधिकारियों ने ब्लैक लाइव्स मैटर जैसे मुद्दों पर अपनी एक सक्रिय स्थिति बनाई, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे जातीय समानता और नस्लीय न्याय पाने के मामले में अश्वेत समुदाय के साथ खड़े हैं। भारतीय मूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की इस सूची में भारत के प्रवासियों के साथ ही युगांडा, इथियोपिया, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में पैदा हुए पेशेवर शामिल हैं।
कारोबार और समाज को नयी दिशा दे रहे हैं भारतीय
मास्टरकार्ड के अध्यक्ष और सीईओ अजय बंगा ने कहा, भारतीय मूल के सीईओ आज के दौर में वैश्विक कारोबार और समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ नई दिशा के लिए प्रेरित कर रहे हैं। भारतीय अपनी विविध अनुभव से बहुत कुछ सीखतें हैं और समय आने पर उसे सामाज को देते हैं। हमारे आसपास जो रहते हैं उनकी जिंदगी में बदलाव लाने के लिए हम अहम रोल अदा करते हैं।