कोलकाता : हिंदी युवाओं और विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला भारतीय भाषा परिषद में आयोजित हुई। इसमें विश्वविद्यालयों और कॉलेज के विद्यार्थियों के बीच से चुने हुए 35 युवाओं को शुद्ध हिंदी लेखन, पत्रकारिता लेखन, कविता लेखन, आवृत्ति तथा अनुवाद का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा हिंदी कार्यशाला में व्यक्तित्व विकास तथा भाषण कला के लिए भी जरूरी बातें समझाई जाएंगी।
परिषद की ओर से बिमला पोद्दार ने युवाओं का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से उनका एक्सपोजर होगा। नेशनल लाइब्रेरी के विनोद कुमार यादव ने कहा कि हिंदी विद्यार्थियों के लिए नियमित शिक्षण के बाहर भी नए अवसरों को पहचानना चाहिए। विद्यासागर विश्वविद्यालय के प्रो.संजय जायसवाल ने कहा कि परिषद नियमित रूप से हर शनिवार को हिंदी विद्यार्थियों के बहुआयामी प्रशिक्षण के लिए कक्षा चलाती है। यह एक साल का कोर्स है। परिषद के निदेशक डॉ.शंभुनाथ ने कहा कि हिंदी विद्यार्थियों को नियमित पठन-पाठन के अलावा हिंदी में तरह-तरह के हुनर सीखने होंगे, तभी उनका भविष्य सुरक्षित होगा। इसके लिए उन्हें आलस्य और कूपमंडूकता से बाहर निकलना होगा। डॉ.अवधेश प्रसाद सिंह, मृत्युंजय, विनय बिहारी सिंह, डॉ.शंभुनाथ और प्रियंकर पालीवाल ने व्याख्यान दिए और प्रशिक्षण कार्यक्रम को समृद्ध किया। हिंदी कार्यशाला के संयोजक सुशील पांडेय ने धन्यवाद दिया।