वॉशिंगटन : खुद से चलने वाली गाड़ी के कई रूप हमने फिल्मों में देखे हैं। ऐसी कार का ख्याल दिलचस्प है, जो भीड़भाड़ वाली सड़कों पर दूसरे वीइकल्स, सड़क पर चल रहे लोगों, गड्ढों, खुदाई और आपातकालीन स्थितियों के बीच आसानी से बिना ड्राइवर के पैसेंजर को उसकी मंजिल तक पहुंचा दे। हालांकि, ऐसी तकनीक पर हाथ आजमा रहीं ऑटोमोबाइल कंपनियों को परिणाम अब तक मनमुताबिक नहीं मिले हैं। इस बीच वैज्ञानिक और शोधकर्ता ऐसी ड्राइवरलेस ऑटोनोमस कार बनाने के लिए अब चींटियों जैसे सामाजिक कीड़ों का सहारा ले रहे हैं।
चीटियों का नेविगेशन दुर्घटना से बचा सकता है
वैज्ञानिको और शोधकर्ताओं का दावा है कि चींटियां समूहों में नेविगेट करने का सबसे कारगर तरीका चालक रहित कारों को दुर्घटनाओं से बचने में मदद कर सकता है। ऐसे ही एक तरीके को कलेक्टिव या स्वार्म इंटेलिजेंस कहा जाता है। आजकल ट्रकों और कारों पर जीपीएस और सैटेलाइट नेविगेशन का मतलब भी स्वार्म इंटेलिजेंस ही है। इसके जरिए वे बड़ी दुर्घटनाओं से बचने के लिए अन्य वाहनों को एआई द्वारा प्रदान की गई जानकारी पर भरोसा करते हैं। जीपीएस दूसरे सोर्स से मिले डेटा के आधार पर हमें बताता है कि आगे रास्ते में ट्रैफिक जाम है या रास्ते को डाइवर्ट किया गया है।
स्वार्म इंटेलिजेंस क्या है?
स्वार्म इंटेलिजेंस डिसेंट्रलाइज्ड सेल्फ ऑर्गनाइज्ड सिस्टम का एक समूह का एक सामूहिक व्यवहार है। यह प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों प्रकार का होता है। साइंस डायरेक्ट ने कहा कि आज इस सिद्धांत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का काम बताया जा रहा है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मॉडर्न एजुकेशन के अनुसार, यह शब्द पहली बार 1989 में गेरार्डो बेई और जिंग वेन द्वारा सेलुलर रोबोट सिस्टम के संदर्भ में पेश किया गया था।
स्वार्म इंटेलिजेंस क्या कर सकती है?
वैज्ञानिकों ने चीटियों के घोंसलों और खाद्य स्रोतों के बीच सबसे छोटा रास्ता खोजकर सबसे जटिल समस्याओं को हल करने की उनकी दक्षता के कारण ही स्वार्म इंटेलिजेंस के कॉन्सेप्ट को लिया है। स्वार्म इंटेलिजेंस की अवधारणा बिलकुल सरल तरीके से काम करती है। इसके जरिए समाजिक कीड़े के रूप में प्रसिद्ध चीटियां अपने परिवेश में स्थानीय रूप से एक-दूसरे से बातचीत करती हैं। इसलिए जब ड्राइवरलेस कारों पर इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा तब स्वार्म इंटेलिजेंस के जरिए बना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यातायात की भीड़ के बारे में सूचित करेगा और आने वाले खतरों के बारे में चेतावनी देगा।
चीटियों का सामूहिक व्यवहार सबसे ज्यादा प्रभावशाली
चींटियां एक वायरलेस फेरोमोन नेटवर्क का उपयोग करती हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई चींटी दूसरे से आगे न निकल जाए। इससे उन्हें अपने रास्ते में कभी भी ट्रैफिक जाम या एक-दूसरे से टक्कर की संभावना बिलकुल खत्म हो जाती है। भोजन या रास्तों की खोज के दौरान बड़े पैमाने पर यातायात नियंत्रण तकनीक के कारण उनके सामूहिक व्यवहार को सबसे प्रभावशाली माना जाता है।