भवानीपुर कॉलेज में मानव संसाधन प्रबंधन में परिवर्तन विषय पर वेबिनार

कोलकाता : भवानीपुर कॉलेज के बीबीए विभाग द्वारा आयोजित बेविनार में मानव संसाधन प्रबंधनों में आवश्यक बदलाव एवं इस बदलते समय में नयी असरदार पद्धतियों को अपनाए जाने के विभिन्न आयामों पर गंभीर चर्चा की गयी। इस कार्यक्रम के अध्यक्ष कॉलेज के डायरेक्टर जनरल डॉ सुमन मुखर्जी ने कहा कि कोरोना काल में मानव संसाधन प्रबंधन सफल बनाने के लिए नियमित रूप से किया जाय तो कॉर्पोरेट व व्यापारिक संस्थान को एक नई दशा और दिशा प्रदान कर सकता है। डॉ मुखर्जी प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, अॉल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन और बंगाल चैम्बर अॉफ कॉमर्स के माननीय सदस्य हैं। इस विषय पर चर्चा करने के लिए दो विशिष्ट वक्ताओं श्री सुजय बनर्जी और श्री संजय चौधरी को आमंत्रित किया गया।  सुजय बनर्जी मानव संसाधन क्षेत्र से गत अट्ठाइस वर्षों से जुड़े हुए हैं। डनलप, फिलिप्स, आईसीआई जैसे संस्थानों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वर्तमान में गेनवेल कोमोसैल्स प्राइवेट लिमिटेड के ग्रुप चीफ पीपल अॉफिसर हैं और कई प्रसिद्ध संस्थाओं के इंटरव्यू पैनल के सदस्य भी रहे हैं । आपका मानना है कि कोविद 19 महामारी के संकट में कर्मचारियों के दिमागी स्वास्थ्य और उनकी कार्यशैली पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ‘वर्क फ्राम होम’ के कारण आज पूरी दुनिया से अव्वल कर्मचारियों की प्राप्ति का अवसर मिल रहा है।

अरविंद मिल्स एवं अर्नेस्ट एंड यंग के पूर्व एसोसिएट डायरेक्टर रहे विशिष्ट वक्ता श्री संजय चौधरी वर्तमान में ग्रे मैटर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मानव संसाधन प्रबंधन पर श्री चौधरी ने नई परिभाषा स्थापित करते हुए कहा कि मानव संसाधन प्रबंधन एक व्यक्ति के साहसी होने या साहसी भावना रखने तक ही सीमित नहीं है बल्कि एक सफल मानव संसाधन प्रबंधक को व्यापार में लगने वाले मासिक गणित का ज्ञान होना भी आवश्यक है। संजय जी ने ‘बिग डेटा’ की संकल्पना से अवगत कराया। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ सुमन मुखर्जी ने अपने विशिष्ट वक्ताओं से पल्स थ्योरी और कॉर्पोरेट संस्थानों में सफल टीम कैसे बनाई जाए, इस पर भी विस्तार से जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम को सफल बनाने में भवानीपुर कॉलेज के बीबीए विभाग के अध्यापकों एवं आयोजकों दीक्षा झा, सुयश सोमवंशी और प्रो कौशिक बनर्जी का विशेष योगदान रहा। इस कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने।

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