कोलकाता : भवानीपुर कॉलेज में वाटर कलर के द्वारा चित्रकला एवं रंगों के संयोजन को वेपर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया , सुप्रसिद्ध कलाकार और वाटर कलर की कला में निपुण डॉ अमेय पारेख के लिए लगभग 80 विद्यार्थियों को ऑनलाइन स्केच और उसमें रंग भरना सिखाया। किसी ने खूब कहा है कि वाटर कलर एक ऐसी भौतिकी जीवन की धारा है जो स्वयं के चरित्र का दर्पण है उसे अप्रत्याशित और रंगीन होने दें। पैंटिग एक कला है जो कलाकार की भावनाओं का चित्रण करती है वास्तविकता से बचने और उसमें गोते लगाने के माध्यम से संदेश को चित्रित करने का एक तरीका है। यदि मैं नहीं तो वह है जो लोगों की कल्पना का अंकन करता है जो उन्होंने कभी नहीं सोचा। रंगों के स्केच और पैंटिग जैसे रंगों का जादू है द्रव्य रंगों से अद्भुत कृति बन जाती है। डॉ. अमेय पारेख के निर्देशन में विद्यार्थियों ने जलीय रंगों के द्वारा ब्रश को चलाने के विभिन्न तरीकों को सीखा। धैर्य और संयम से भरे विद्यार्थियों ने पैंटिग को जूम पर बनाना सीखा जो एक अलग अनुभव है।
प्रकृति में पहाड़ी क्षेत्र और समतल धरती का सामंजस्यपूर्ण बंटवारा करने में वाटर कलर के रंग बहुत ही माहिर होते हैं बशर्ते अच्छी तरह से किया जाय अन्यथा पैंटिग के बिगड़ने का डर रहता है। यह बहुत ही बारीकी का काम है जिसे डॉ पारेख ने बहुत ही गंभीरता और सरलता से समझाया। दो दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला में विद्यार्थियों ने पैंटिग भी बनाई।
वाटर कलर वर्कशॉप का उद्घाटन किया भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के डीन प्रो दिलीप शाह ने किया जिनके प्रयास से इस कार्यशाला को आयोजित किया। सार्थक बाधवा, जलक शाह, गौरव किल्ला का सक्रिय सहयोग रहा। प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी, प्रो. दिव्या ऊडीसी, डॉ. वसुंधरा मिश्र की उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।