कोलकाता । भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज के कॉन्सेप्ट हॉल में शोमैन राजकपूर को श्रद्धांजलि दी गई। आज भी राजकपूर की फिल्मों के गीत और उनके रोमांटिक अंदाज को याद किया जाता है। वे एक भारतीय अभिनेता फिल्म निर्देशक और निर्माता थे जिन्होंने हिन्दी सिनेमा को नया मुकाम भी दिया। 14 दिसंबर 1924 में पेशावर में जन्म और 2 जून 1988 में मृत्यु को प्राप्त हुए। आज भी फिल्मों में कपूर परिवार संलग्न है।
भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज के बेस्ट कलेक्टिव द्वारा आयोजित’ ट्रिब्यूट टू राजकपूर’ में पद्मभूषण राजकपूर की फिल्मों के कई रंगों का प्रदर्शन किया गया। विद्यार्थियों ने प्रसिद्ध गीतों की प्रस्तुति दी गई जिसमें संगीत और संयोजन दिया संगीतज्ञ सौरभ गोस्वामी ने। राजकपूर की पांच मिनट की पीपीटी भी दिखाई गई जिसे प्रो देवीना गुप्ता ने बनाया। कार्यक्रम का आरंभ सोनाक्षी कर के गाए गीत सत्यम शिवम सुंदरम और सुन साहिबा सुन प्यार की धुन से हुई।क्रिसेंडो कलेक्टिव ने राजकपूर की फिल्मों के कई प्रमुख गीतों को गाया। इन एक्ट कलेक्टिव ने राजकपूर की कहानी अपने मुंह जबानी सुनाई जो बहुत ही प्रभावशाली रही। प्रो दिलीप शाह ने स्वयं सिन्थेसाइजर बजा कर ऐ भाई जरा देख के चलो गाया जिसमें साथ दिया प्रो सीएस नितीन चतुर्वेदी ने। प्रो देवीना गुप्ता ने ये रात भीगी भीगी, रमैया वस्ता वैया, डॉ रेखा नारिवाल ने डम डम डिगा डिगा मौसम भीगा भीगा, डॉ वसुंधरा मिश्र ने चलत मुसाफ़िर मोह लियो रे पिजडे़ वाली मुनिया गाया जिसका आनंद युवा छात्र छात्राओं ने जम कर लिया।कॉलेज की एच आर शिल्पी दास ने भी राजकपूर की कई फिल्मों के गीतों को मिला कर गाया। डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि इसके पूर्व भी आर डी बर्मन, साहिर लुधियानवी, गालिब, मजरूह सुल्तानपुरी आदि पर कार्यक्रम हुए हैं जिनकी रचनाधर्मिता और फिल्मों से विद्यार्थियों को रूबरू कराया गया। कार्यक्रम का संचालन वेदांत गुप्ता और ख्याति बंसल ने किया।