कोलकाता । भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज और उम्मीद द्वारा आयोजित पचहत्तर घंटे का शिक्षकों के लिए बुनियादी परामर्श कौशल प्रमाणपत्र समारोह 2022 का आयोजन किया गया जिसकी कक्षाएँ जनवरी से चल रही थीं। पचहत्तर घंटे तक चलने वाले इस समारोह में अच्छा प्रदर्शन करने वाले शिक्षक – शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। चौदह जून को आयोजित इस कार्यक्रम में उम्मीद की संस्थापक, निदेशक सुश्री सलोनी प्रिया ने विभिन्न विभागों के बीस व्याख्याताओं को प्रमाण पत्र, स्कार्फ और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर भवानीपुर कॉलेज की अध्यापिका डॉ द्युति चटर्जी ने स्वागत भाषण दिया और उम्मीद की टीम ने पाठ्यक्रम के विषय में परिचय दिया।
प्रिंसिपल डॉ पिंकी साहा सरदार, टीआईसी डाॅ. शुभब्रतो गांगुली, विज्ञान के डीन, आईक्यूएसी समन्वयक, शासी निकाय के सचिव, कला और वाणिज्य के उप प्रधानाचार्य, मॉर्निंग कॉमर्स सेक्शन के समन्वयक, बीबीए, एमए, छात्र मामलों के डीन उपस्थित रहे। श्री मिराज डीशाह, कॉलेज के शासी निकाय के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जिन्होंने पूरे पाठ्यक्रम को प्रायोजित करने के लिए पूर्ण वित्तीय और तकनीकी सहायता और प्रोत्साहन दिया ।
शिक्षक की भूमिका केवल पाठ्यचर्या पढ़ाने तक ही सीमित नहीं है। शिक्षकों को छात्रों को प्रशिक्षित करना है, उनका पोषण करना है, उनका मार्गदर्शन करना है और सबसे बढ़कर उन्हें अपने जीवन का प्रभार लेने और सामाजिक रूप से उत्पादक व्यक्ति बनने में सक्षम बनाना है। प्रत्येक छात्र अपनी विचार प्रक्रिया, आकांक्षाओं, मुद्दों और दिमागी अवरोधों के साथ अद्वितीय होता है, उन्हें सलाह और परामर्श के माध्यम से उनकी प्रतिभा को निखारा जा सकता है। प्रत्येक बच्चे की प्रतिभा और क्षमताओं को उपयोग में लाया जा सकता है। स्टीवन स्टीलबर्ग ने कहा था कि किसी को सलाह देने मात्र से उसकी छवि नहीं बन पाती क्योंकि यह बहुत ही नाजुक और संवेदनशील स्थिति है , बल्कि उन्हें खुद की प्रतिभा को बनाने का अवसर देना चाहिए। इस अवसर पर भवानीपुर कॉलेज के कुछ शिक्षकों द्वारा पाठ्यक्रम की अंतर्दृष्टि और इस दौरान अपने अनुभवों को साझा किया। प्रत्येक शिक्षक के लिए इस पाठ्यक्रम की आवश्यकता और महत्व पर प्रकाश डाला, जिन्हें डिफ़ॉल्ट रूप से छात्रों के लिए संरक्षक की भूमिका निभानी होती है।
प्रो दिलीप शाह ने सभा को संबोधित करते हुए प्रतिभागियों और उम्मीद टीम को छह महीने के लंबे इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बधाई दी। उन्होंने शिक्षकों के लिए इस तरह की ज्ञानवर्धक कार्यशालाओं को उपयोगी बताते हुए अधिक से अधिक भाग लेने की सलाह दी।इस अवसर पर चाय और नाश्ते की भी व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।