कोलकाता । भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज द्वारा आयोजित इलमाइसु 25फेस्ट प्रतियोगिता कोलकाता ही नहीं भारत के कई हिस्सों से इसमें विद्यार्थी रुचि दिखाते हैं। इलमाइसु शब्द फिनलैंड की जड़ों से जुड़ा हुआ शब्द है जिसका अर्थ भावनाओं को प्रदर्शित करने और कला से संबंधित है एवं विभिन्न प्रतिभाओं से मिला-जुला शब्द है । इसमें आर्ट एंड मी,सैलूलायड और फैशन की विभिन्न कला प्रतिभाओं द्वारा प्रदर्शन किया जाता है । यह इलमाइसु 25 फेस्ट दूसरा एडिशन है जिसकी थीम है वेरी बोहेमियन। बोहेमियन” का अर्थ हिंदी में “रूढ़िमुक्त” या “अपरंपरागत” होता है। यह शब्द उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो सामाजिक नियमों और मान्यताओं से अलग और अनोखे जीवन जीने में विश्वास करते हैं। ये लोग अक्सर कलाकार, लेखक, संगीतकार या अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में काम करते हैं। इस कार्यक्रम की सभी सजावट मिट्टी के रंगों से जुड़ी थी जिसे कालेज के आर्ट एंड मी के विद्यार्थियों ने अपनी कलात्मक रुचि से संवारा था। ऐसे ही कलाकारों और फैशन के क्षेत्र में विशेष रुचि रखने वाले विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
कोलकाता के प्रतिष्ठित कॉलेजों में श्री शिक्षायतन , श्री अग्रसेन कॉलेज ,लॉरेटो कॉलेज, टेक्नो इंडिया यूनिवर्ससिटी, टीएचके जैन कॉलेज ,सिस्टर निवेदिता कालेज,स्कॉटिश चर्च कॉलेज ,सेठ आनंद राम जयपुरिया कॉलेज ,आईआईएचएम ,बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और मेज़बान भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज रहे।
नैक ए ग्रेड प्राप्त भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के उपाध्यक्ष मिराज डी शाह ने जहाँ विद्यार्थियों को को इस प्रकार के विभिन्न सृजन के प्रति प्रोत्साहित किया, वहीं रेक्टर और डीन प्रो दिलीप शाह ने कहा कि विद्यार्थियों की प्रतिभाएँ उनकी कल्पनाशीलता का ही प्रतिबिंब है।
कालेज के जुबली सभागार, कांसेप्ट सभागार, प्लेसमेंट सभागार और वालिया हाल में सभी प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं थीं।
इलमाइसु 25फेस्ट चुनौतियों और आत्मविश्वास का महत्वपूर्ण प्रदर्शन है जिसमें शार्ट फिल्म,फैशन, मिस्टर और मिस इलमाइसु 25,क्रिएटिव मेकओवर ,फैशन फोटोग्राफी, डुडलिंग , रील मेकिंग, फेस पेंटिंग ,कैलीग्राफी आदि विविध कलाएं शामिल थे।
उद्घाटन समारोह में रेक्टर और डीन प्रो दिलीप शाह ने जुबली सभागार के मंच के पर्दे पर वर्चुअल दीप प्रज्ज्वलित किया और उसी समय सभागार में बैठे सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों ने अपने-अपने मोबाइल की भी लाइट जलाई। प्रो दिलीप शाह ने कहा भारतीय संस्कृति में तमसो ज्योतिर्गमय की परंपरा रही है।यह उसी का प्रतीक है। प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी और डॉ वसुंधरा मिश्र ने सभी निर्णायकों को कालेज मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया।
डॉ वसुंधरा मिश्र ने बताया कि सभी प्रतियोगियों के अलग-अलग निर्णायक मंडल थे जिनमें तीन तीन निर्णायकों की भूमिका थी और निर्णायकों के निर्णय ही अंतिम निर्णय रहे। विभिन्न प्रतियोगिताओं में पूर्ण रूप से रनर अप सिस्टर निवेदिता विश्वविद्यालय और चैंपियन टेक्नो इंडिया यूनिवर्सिटी रहे।