रामदे और भारती किसी वीडियो में गाय-भैंस को चारा खिलाते दिखते हैं तो किसी में चूल्हे पर खाना बना रहे होते हैं। किसी वीडियो में खेत में काम करते नजर आते हैं, तो किसी में माता-पिता के साथ बात करते हुए दिखते हैं। इनके वीडियो न स्क्रिप्टेड होते हैं और न ही उसमें बहुत एडिटिंग की जाती है, लेकिन फिर भी ये यूट्यूब पर खूब देखे जाते हैं। महीने का साढ़े चार से पांच लाख रुपए सिर्फ यूट्यूब से कमा रहे हैं। कहते हैं कि यूट्यूब के लिए वीडियो तो शौक से बनाते हैं, मुख्य काम तो खेतीबाड़ी है। रामदे और भारती दोनों ही ब्रिटेन में रहते थे। रामदे की बहन UK में रहती हैं। उन्हीं के साथ वो 2006 से 2008 तक रहे फिर वापस लौट आए। शादी के बाद 2010 में फिर ब्रिटेन चले गए। वहां नौकरी करने लगे। भारती को पढ़ाई करनी थी तो वो वहीं से हॉस्पिटल मैनेजमेंट में ग्रैजुएशन करने लगीं। जिंदगी सैटल हो गई थी। भारती की पढ़ाई भी पूरी हो चुकी थी, उन्हें भी नौकरी मिल गई थी। लेकिन रामदे के मन में गांव में रह रहे अपने माता-पिता की चिंता थी। कहते हैं, ‘मैं इकलौती संतान हूं इसलिए 2016 में सब छोड़कर गांव लौट आया।’
घर में बाप-दादा सब खेती ही करते आए हैं, इसलिए रामदे भी खेती करने लगे। इसके साथ ही उन्होंने पशुपालन भी शुरू कर दिया। सात भैंसे खरीद लीं। दो घोड़ी भी उनके पास हैं। एक डॉगी भी है। मैंने उनसे पूछा कि आपका यूट्यूब का कारवां कैसे शुरू हुआ? तो इस पर बोले, ‘सर, हमने यूट्यूब से पैसे कमाने की नहीं सोची थी। हम तो मोबाइल से अपनी डेली लाइफ के वीडियो शूट करके अपलोड कर देते थे ताकि वो यूट्यूब पर सेव हो जाएं और हम जब चाहें, उन्हें देख सकें।’ बोले, ‘मेमोरीज को बनाए रखने के लिए वीडियो अपलोड करना शुरू कर दिया था। इसलिए न ही कभी कोई स्क्रिप्टिंग की और न ही कोई एडिटिंग करवाई।’
इन्हीं में से एक भैंस वाला वीडियो अचानक यूट्यूब पर वायरल हो गया। एक दिन में ही करीब साढ़े तीन लाख व्यूज आए। कहते हैं, ‘वीडियो वायरल होने के बाद हमने गूगल पर यूट्यूब वीडियो के बारे में और सर्च किया। देखा कि कैसे मॉनेटाइजेशन होता है। वीडियो अपलोड करने की पॉलिसी क्या है। वीडियो कैसे बन रहे हैं। यह सब पता करके मॉनेटाइजेशन के लिए अप्लाई कर दिया। 6 महीने बाद हमारा चैनल मॉनेटाइज हो गया। फिर हर रोज एक-एक वीडियो अपलोड करने लगे। वीडियो का मकसद गांव की लाइफ स्टाइल लोगों को दिखाना था।’
रामदे के मुताबिक, ‘मैं और पत्नी देश-दुनिया घूमे हैं। हम ये जानते थे कि हमारी गांव में जो लाइफ स्टाइल है, वो यूनीक है और शहर वालों के लिए नई है। इसलिए हम नेचुरल वीडियो ही अपलोड करते थे। जैसे खेत में साथ में खाना खाते हुए, पैरेंट्स के साथ वक्त बिताते हुए, खेती-बाड़ी करते हुए, घोड़ों के साथ खेलते हुए, ट्रैक्टर चलाते हुए, आरती करते हुए। बिना किसी पेड प्रमोशन के लोग इन वीडियो को देखने लगे तो सब्सक्राइबर बढ़ते चले गए। अब तीन चैनल हैं। एक चैनल बेटे के नाम से बनाया है, जिसमें उससे जुड़ी एक्टिविटी वाले वीडियो अपलोड करते हैं। एक चैनल सिर्फ गुजरातियों के लिए है और तीसरा चैनल हिंदी भाषा में है, जो मुख्य चैनल है।’
यूट्यूब से महीने का कितना कमा लेते हैं? इस सवाल पर बोले, ‘कमाई का खुलासा नहीं करना चाहता, लेकिन फिर भी साढ़े चार-पांच लाख रुपए महीना हो जाता है। हमारा मुख्य काम तो खेतीबाड़ी है। यूट्यूब पर तो हम सिर्फ एक वीडियो रोज अपलोड कर देते हैं। जैसी जिंदगी जी रहे हैं, उसे ही शूट करके वीडियो बना लेते हैं। अब कई तरह के कैमरे भी ले लिए हैं। रोज महज एक से दो घंटे यूट्यूब पर देते हैं।’
यूट्यूब पर सब्सक्राइबर कैसे बढ़ाए जा सकते हैं? इस पर कहने लगे कि जो भी वीडियो अपलोड कर रहे हो, उसे डेली अपलोड करो। व्यूज नहीं आ रहे तो निराश मत हो। कंटेंट ओरिजनल है तो वायरल जरूर होता है। एक-दो वीडियो वायरल होने के बाद बाकी वीडियोज में भी व्यूज आना शुरू हो जाते हैं। रामदे के मुख्य चैनल पर अभी 7 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। हर रोज करीब हजार सब्सक्राइबर उनके चैनल से जुड़ रहे हैं।
(साभार – दैनिक भास्कर)