बुलेट ट्रेन के लिए जर्मनी में रहने वाली अप्रवासी महिला ने दी पैतृक जमीन

नयी दिल्ली : जर्मनी में रहने वाली भारतीय मूल की एक महिला ने गुजरात में मौजूद अपनी पैतृक जमीन मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए दे दी है। यह जानकारी नेशनल हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के एक अधिकारी ने शुक्रवार को दी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए रेलवे ने गुजरात में पहली बार भूमि अधिग्रहण किया है।
30234.3 रुपए की दर से बेची जमीन
जर्मनी में भारतीय रेस्त्रां चलाने वाली सविता बेन मूल रूप से गुजरात के चनसाड गांव की हैं। वे करीब 33 साल पहले शादी के बाद जर्मनी चली गई थीं। उन्होंने पास चनसाड में करीब 71 एकड़ जमीन है। इसमें से उन्होंने 11.94 एकड़ जमीन 30234.3 रुपए की दर से एनएचएसआरसीएल को दे दी। एनएचएसआरसीएल के प्रवक्ता धनंजय कुमार ने बताया, ‘‘सविता बेन परियोजना के लिए जमीन देने भारत आई थीं। इसके बाद वे जर्मनी लौट गईं।’’
धनंजय के मुताबिक, अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 508 किलोमीटर लंबा गलियारा बनाया जाएगा। इसके लिए करीब 1400 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है, जिसमें 1120 हेक्टेयर जमीन निजी स्वामित्व वाली है। जमीन अधिग्रहण करने पर करीब 6000 लोगों को मुआवजा देना होगा। एनएचएसआरसीएल इस प्रोजेक्ट के लिए मुंबई में महज 0.09% जमीन अधिग्रहीत कर पाया है। उसे जमीन अधिग्रहण मुद्दों को लेकर दोनों राज्यों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में किसानों को मनाने के लिए रेलवे उन जिलों में सहमति शिविर का आयोजन कर रहा है, जहां उसे जमीन की जरूरत है।

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