पटना । जब भी बिहार की बात करते हैं तो लोग उसे काफी पिछड़ा हुआ जगह मानते हैं. लेकिन बिहार अब अपनी तस्वीर बदल रहा है। बिहार का शहर हाजीपुर अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बना रहा है । हाजीपुर मुख्य रूप से वर्षों से अपने केले के लिए मशहूर है, लेकिन अब यहां रूसी सैनिक के लिए निर्माण किए हुए जूते के लिए चर्चा में है। यूक्रेन और रूस का युद्ध वर्ष 2022 से चल रहा है। यह युद्ध एक बार फिर से चर्चा में है क्योंकि बिहार से बनकर जाने वाली जूते पहनकर ही रूसी सैनिक यूक्रेन के खिलाफ मैदान में लड़ते हैं। हाजीपुर की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कंबटेंस एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड रूसी सैनिक के लिए जूते बना रही है। यह कंपनी चर्चा में इसलिए भी बनी हुई है क्योंकि इस कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों में से 70 प्रतिशत महिलाएं हैं। लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के युवा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर विभय कुमार झा ने बताया कि हाजीपुर में बनने वाली जूते का उपयोग अब रूस की सेना करेगी। डॉ विवेक ने कहा बिहार तेजी से तरक्की की ओर बढ़ रहा है जिसमें पटना के बाद हाजीपुर बिहार का दूसरा सबसे तेजी से विकसित होने वाला शहर है। इसकी सराहना केंद्र मंत्री चिराग पासवान से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने किया है. यह भारत के उद्योग के विकास में बड़ा कदम हो सकता है.
यह जूते सुरक्षा के लिए बनाए जाते हैं। यह जूते खासतौर से रूसी सैनिक के जरूरत के अनुसार बनाए जाते हैं। रूसी सैनिक चाहते हैं कि जूता हल्का हो और आसानी से फिसलने वाला ना हो। साथ ही यह जूते बेहद कम तापमान जैसे -40 डिग्री सेल्सियस जैसे ठंडे मौसम की स्थिति का सामना आसानी से कर सके। यह जूते रूसी सैनिक के हर जरूरत पर खरे उतर रहे हैं। यह कंपनी 2018 में बिहार के हाजीपुर में शुरू की गई थी। इस कंपनी का मुख्य उद्देश्य बिहार में नए रोजगार पैदा करना है. यह कंपनी रूस के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है। कंपनी दिन प्रतिदिन नई ऊंचाइयों को हासिल कर रही है। बिहार की यह कंपनी कुल 300 कर्मचारियों पर चलती है. जिसमें से 70 प्रतिशत कर्मचारी महिलाएं हैं। पिछले वर्ष इस कंपनी ने करीब 100 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था. जिसमें से 1.5 मिलियन जोड़ी जूते का निर्माण किया गया था। हाजीपुर की यह कंपनी कई यूरोपीय बाजार के लिए डिजाइनर जूते का भी निर्माण करती है।