पटना : आज के समय में जब बच्चे अधिकतर स्मार्टफोन और गेमिंग कंसोल में व्यस्त रहते हैं, ऐसे में नयी पीढ़ी के बच्चों में कहानी कहने की परंपरा को जीवंत बनाये रखने की कोशिश करती एक नयी किताब ग्रामीण बिहार से दिलचस्प कालजयी लोककथाओं का संग्रह समेटे है।
‘द ग्रेटेस्ट फोक टेल्स ऑफ बिहार’ में 37 कहानियों का संग्रह है, जिनका आधार ग्रामीण जीवन है। इसमें लोक भाषा में रोचक किस्सों और आज के समय में टीवी सामग्री के कारण विलुप्त होती संस्कृति एवं बिहार के इतिहास को समाहित किया गया है।
किताब का प्रकाशन रूपा प्रकाशन ने किया है और इसे लिखा है पत्रकार लेखक नलिन वर्मा ने। वर्मा ने इस किताब में सदियों से चली आ रही लोककथाओं को शामिल कर इसे मौखिक कथाओं का एक संग्रह बनाया है। वर्मा ने इससे पहले राजद प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की आत्मकथा ‘गोपालगंज से रायसिना : मेरी राजनीतिक यात्रा’ का सह-लेखन किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘अपनी नयी किताब के जरिए मैंने हमारी समृद्ध परंपराओं और लोककथाओं के ज्ञान को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है जो दुर्भाग्य से तकनीक पसंद नयी पीढ़ी नहीं जानती।’’