नयी दिल्ली : सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन पहले से फिट बैटरी के बिना के करने को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले से इन वाहनों की अपफ्रंट कीमत कम हो जाएगी। ई-वाहनों की कुल लागत में बैटरी की कीमत 30 से 40 फीसदी होती है। कंपनियां इन्हें अलग से मुहैया करा सकती हैं। बुधवार को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच)ने यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने इस संदर्भ में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन सचिवों को पत्र भेजा है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि वाहनों को बिना बैटरी के भी बेचा जा सकता है और टेस्ट एजेंसी द्वारा जारी सर्टिफिकेट के आधार पर इनका रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। परिवहन सचिवों को भेजी गई एडवाइजरी के मुताबिक देश में ई-वाहनों के बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत सरकार ऐसा कर रही है।
इसमें कहा गया है वाहनों के प्रदूषण और तेल आयात बिल को कम करने के लिए व्यापक राष्ट्रीय एजेंडा पाने के लिए संयुक्त रूप से काम करने का समय आ गया है। यह पर्यावरण की रक्षा करने के साथ ही तेल आयात बिल को कम करने और इस क्षेत्र को उद्योगों को भी अवसर प्रदान करेगा।
मंत्रालय ने बताया कि ई-वाहनों के बढ़वा देने के लिए बैटरी की लागत को वाहन की लागत से अलग कर दिए जाने के लिए मंत्रालय को सिफारिश मिली थी। इस तरह दोपहिया और तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों को बाजार में बिना बैटरी के बेचा जा सकता है। इससे इनकी अपफ्रंट कीमत कम हो जाएगी।