लद्दाख : चीन से तनाव के बीच सियाचिन और लद्दाख जैसे बर्फीले इलाकों में तैनात जवानों को अब ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने जवानों के लिए हिमतापक हीटिंग डिवाइस तैयार की है। ये ऐसी डिवाइस है, जिसके जरिए सेना का बंकर माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी गर्म रहेगा। सेना ने ऐसे 420 करोड़ उपकरणों का ऑर्डर भी डीआरडीओ को दे दिया है। जल्द ही इसे बर्फीले इलाकों में आईटीबीपी और सेना की पोस्ट पर लगाया जाएगा।
यह हीटिंग डिवाइस बैक ब्लास्ट के दौरान निकलने वाली जहरीली गैस कार्बन डाई ऑक्साइड से भी जवानों को बचाएगी। इस जहरीली गैस से जवानों की मौत भी हो जाती है। जब कोई सैनिक लॉन्चर को कंधे या जमीन पर रखकर रॉकेट छोड़ता है तो उसके पीछे से जहरीली गैस निकलती है। उस एरिया को ही बैक ब्लास्ट एरिया कहते हैं। हिमतापक इस गैस को ऑब्जर्व कर लेगी।
हिमतापक की खासियत
उपकरण सौर उर्जा , बिजली और केरोसिन तीनों से चल सकती है।
इससे 20 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के बंकर व टेंट को गर्म रखा जा सकता है।
चार्जर कंट्रोलर वोल्टेज को कंट्रोल करने के साथ पंखे को भी चलाता है।
पंखा गर्म हवा बंकर व टेंट में फैलाता है।
उपकरण से नीली रोशनी निकलती है, जो ऑक्सीजन स्तर कम नहीं होने देगी।
बंकर में मौजूद सैनिकों को सांस लेने में भी परेशानी नहीं होगी।
आग लगने का खतरा भी नहीं रहेगा।
ठंड से लगने वाली चोट ठीक करेगी क्रीम
डीआरडीओ ने ‘एलोकल क्रीम’ भी तैयार की है। ये फ्रॉस्ट बाइट (शीत दंश) और ठंड से सैनिकों को लगने वाली चोटों को सही करने में मददगार साबित होगी। भारतीय सेना ने 3.5 लाख क्रीम का ऑर्डर दिया है। वैज्ञानिक डॉ. राजीव ने कहा कि ये क्रीम ईस्टर्न लद्दाख और सियाचिन बॉर्डर पर तैनात जवानों के लिए भेजी जाएगी।
पानी के लिए स्नो मेल्टर तैयार किया
डीआरडीओ के वैज्ञानिक सतीश चौहान ने बताया कि उन्होंने स्नो मेल्टर तैयार किया है। इसके जरिए लद्दाख और सियाचिन बॉर्डर पर तैनात जवानों के लिए पीने का पानी मिल सकेगा। ये हर घंटे बर्फ को पिघलाकर 5 से 7 लीटर पीने लायक पानी जवानों को मुहै.या करवा सकता है।