कोलकाता : सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन की ओर से भारतीय भाषा परिषद में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रो अरुण कुमार ने कहा कि केदारनाथ सिंह अच्छे कवि के साथ एक अच्छे अध्यापक भी थे। विमलेश त्रिपाठी ने कहा कि वे आमजन के सर्वाधिक लोकप्रिय कवि थे। राज्यवर्द्धन ने कहा कि वे सहजता और आत्मीय के कवि थे। रितेश पांडे ने कहा कि हिंदी कविता के बड़े सेलिब्रिटी थे केदारनाथ जी। गीता दुबे ने कहा कि समकालीन हिंदी साहित्य के अमिताभ बच्चन थे केदारनाथ जी। इसके अलावा सुमिता गुप्ता, आनंद गुप्ता, श्री निवास सिंह यादव, पंकज सिंह, राजेश मिश्र, श्रद्धांजलि सिंह, श्रीरामनिवास द्विवेदी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। संजना जायसवाल, राहुल गौड़ और सुषमा त्रिपाठी ने केदारनाथ सिंह की कविताओं की आवृत्ति की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. ٰशंभुनाथ कहा कि केदारनाथ सिंह हिंदी के सबसे ज्यादा लोकप्रिय, सहज और पठनीय कवि हैं। आलोचक रविभूषण ने कहा कि उनका देह भले ही दिल्ली में था पर मन ग्रामीण संस्कारों से संपृक्त था। उनका जाना कविता की बड़ी क्षति है। कार्यक्रम का सफल संचालन संजय जायसवाल ने किया।
कवि केदारनाथ सिंह की याद में हुई शोकसभा
मिदनापुर : विद्यासागर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से हिंदी के लोकप्रिय और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कवि केदारनाथ सिंह के आकस्मिक निधन पर एक शोकसभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दो मिनट का मौन रखा गया। विभागाध्यक्ष प्रो दामोदर मिश्र ने कहा कि हिंदी काव्य परम्परा के सबसे ज्यादा समादृत कवि थे केदारनाथ सिंह। उन्होंने हिंदी कविता लोकप्रिय बनाया। डॉ. संजय जायसवाल ने उनके साथ बिताए गए क्षणों को याद करते हुए कहा कि केदारनाथ सिंह हिंदी कविता के मानक हैं। वे बहुत सौम्य और आत्मीयता के भाव से भरे थे। दीपनारायण ने कहा कि हिंदी साहित्य ने एक हीरा खो दिया। पुष्पा मल्ल ने कहा कि वे जन के कवि थे। शोधार्थी मधु सिंह ने कहा कि उनकी कविताओं में जीवन जीने की प्रेरणा है। बहुत सम्प्रेषणीय कवि हैं। उनका जाना एक युग का अवसान है।