बंगीय हिन्दी परिषद ने आयोजित की हिन्दी – नेपाली काव्य सन्ध्या

कोलकाता :  मित्र राष्ट्र नेपाल से आए कवियों के सम्मान में गत 30 जुलाई को बंगीय हिन्दी परिषद की ओर से उसके सभाकक्ष में एक काव्य संध्या का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए परिषद् के संयुक्त मंत्री डॉ कुमार संकल्प ने स्वागत भाषण दिया और यह बताया कि परिषद् द्वारा हिन्दी और नेपाली साहित्य को जोड़ने का यह पहला ऐतिहासिक प्रयास है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सुप्रसिद्ध कवि गिरिधर राय ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य दिया। मुख्य अतिथि डॉ बीरेंद्र मृधा ने बांग्ला में अपनी कविता सुनाई । मित्र राष्ट्र से आये कवियों और साहित्यकारों ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के संयोजन हेतु बंगीय हिंदी परिषद के प्रति अपना आभार व्यक्त किया । डॉ. देवी नेपाल ने कहा कि दोनों देशों की संस्कृति तो एक है ही ,हमारी कई साझी विरासतें भी हैं। भारत से हमारा गहरा और अटूट रिश्ता है।ऐसे कार्यक्रमों से यह और अटूट होगा।नेपाल से आये कवि एवं साहित्यकार प्रो० हेमनाथ पौडेल और गोपी कृष्णा ढुंगाना ने भी दोनों देशों की साझी विरासत और सांस्कृतिक सौंदर्य को अपनी कविता में चित्रित किया। योगेंद्र शुक्ल ‘सुमन’, काली प्रसाद जायसवाल, सुषमा राय पटेल, शकील गोण्डवी , रणविजय श्रीवास्तव ,विश्वजीत शर्मा, जीवन सिंह , रमाकांत सिन्हा,चंद्रिका प्रसाद पांडेय ‘अनुरागी’ , राम पुकार सिंह ,चक्रधर प्रधान ने हिंदी में कविता पाठ किया तो नारायण प्रसाद होमगाई, राजू पाठक ,संजीव गुरुंग ,नीमा निष्कर्ष ,आइता आदिम ,टी जी भित्रीकोटी , रामायण धमाल, आशा उपाध्याय ने नेपाली में अपनी कविताएं सुनाईं । कार्यक्रम का संचालन डॉ सत्य प्रकाश तिवारी ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ कुमार संकल्प ने किया ।

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