कोलकाता । पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन जो पश्चिम बंगाल में एकमात्र सक्रिय कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन है। इस संगठन की ओर से किसानों, उपभोक्ताओं और आम जनता का ध्यान आलू के संरक्षण के लिए किराये से होने वाले नुकसान की ओर आकर्षित करने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुनील कुमार राणा, डब्ल्यूबीसीएसए के उपाध्यक्ष शुभजीत साहा, पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेश कुमार बंसल के अलावा पतित पावन दे, तरूण कांति घोष, डब्ल्यूबीसीएसए के पूर्व अध्यक्ष गोविंद कजारिया, दिलीप चटर्जी, श्री, कौशिक कुंडू के अलावा डब्ल्यूबीसीएसए की जिला समितियों के अध्यक्ष और कई अन्य सम्मनीय लोग मौजूद थे। कृषि उपज के संरक्षण के लिए कोल्ड स्टोरेज किराए के तौर पर मिलनेवाले रुपए से अपना कोल्ड स्टोरेज चलाते हैं, जहां किराया सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। प्रथा के अनुसार कोल्ड स्टोरेज का किराया राज्य सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के आधार पर लागू की जाती है, जो विभिन्न बाजारों और मार्केटों से इनपुट लेकर लागतों के लिए वृद्धि की दर पर विचार करने के बाद ऐसी सिफारिश करती है। किराए की बढ़ोत्तरी बिजली की लागत, अमोनिया, कार्यालय रखरखाव, मशीनरी/उपकरण की मरम्मत और रखरखाव, आलू की लोडिंग और अनलोडिंग के लिए लगे सभी प्रकार के श्रमिकों के लिए कर्मचारियों का वेतन शुल्क इन सभी बातों पर विषय कर किराए में बढ़ोतरी का अनुमोदन दिया जाता है। यह देखा गया है कि सरकार द्वारा अनुमोदित किराया हमेशा विशेषज्ञ समिति द्वारा अनुशंसित राशि से कम होता है। इस प्रकार 2021 तक कोल्ड स्टोरेज 21.35 रुपये/क्विंटल की अत्यधिक राशि मिलने से वंचित रह जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में अनुशंसित राशि और स्वीकृत किराये के बीच का अंतर काफी ज्यादा हो गया है। जो वर्तमान में कोल्ड स्टोरेज के लिए अव्यवहार्य हो गया है। अंततः कोल्ड स्टोरेज को एक बीमार और नुकसान उद्योग बनने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सरकार ने 2021 के बाद कोल्ड स्टोरेज किराए में संशोधन नहीं किया है, हालांकि एसोसिएशन ने पर्याप्त औचित्य के साथ संशोधन के लिए सरकार से बार-बार अपील की है। सरकार द्वारा बनाई गई विशेषज्ञ समिति ने भी जनवरी 23 में दक्षिण बंगाल और उत्तर बंगाल के लिए भंडारण किराए को 190 रुपये प्रति क्विंटल और 194 रुपये प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है। 2021 से 2022 की अवधि में ही 9.95 रुपये/क्विंटल की अंडर-रिकवरी हुई है। 2023 में उद्योग के लिए इनपुट लागत फिर से बढ़ गई है। लेकिन सरकार की तरफ से इसके किराए में बढ़ोत्तरी का कोई फैसला नहीं लिया गया। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार राणा ने कहा, यह अफसोस की बात है कि यह जानने के बावजूद कि अन्य राज्यों में कोल्ड स्टोरेज का किराया 230 रुपये से 270 रुपये प्रति क्विंटल है, हम सरकार का ध्यान कई बार इस ओर आकर्षित कर चुके हैं, लेकिन सरकार का अबतक उदासीन रवैया हमे देखने को मिल रहा है। हमारी इकाइयों को 168 रुपये से 172 रुपये प्रति क्विंटल पर संचालित करने का आदेश दिया गया है। इस तरह 31.30 रुपये/क्विंटल की आर्थिक हानि स्वीकार कर व्यवसाय करना पड़ रहा है। पिछले दो वर्षों से इसी नुक्षण के साथ हमने काम किया। हमारी हार्दिक इच्छा के बावजूद हम अपने इकाइयों का आधुनिकीकरण नहीं कर सके। परिणामस्वरूप, किसान और किराये पर लेने वाले उपभोक्ता संरक्षण की आधुनिक तकनीकों से वंचित रह जा रहे हैं। इस विकट परिस्थिति में इसके कई सदस्य कर्ज के जाल में फंस रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न जिलों में कोल्ड स्टोरेज बंद हो रहे हैं या इकाइयां बैंकों के लिए एनपीए बन रही हैं। यदि समय रहते कोल्ड स्टोरेज उद्योग को होनेवाले आर्थिक नुकसान पर ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इसका भारी प्रभाव पड़ेगा। इसलिए, हम इस अवसर पर सभी संबंधित पक्षों को सूचित करना चाहते हैं कि, हम आगामी सीजन में वर्तमान किराया संरचना के साथ कोल्ड स्टोरेज के संचालन को सुनिश्चित करना संभव नहीं हैं।