फॉर्म 26 एएस में दिखाना होगा प्रॉपर्टी टैक्स, मेडिकल, होटल और बीमा प्रीमियम का भुगतान

मुम्बई : अब टैक्स की चोरी पर शिकंजा और कसता जा रहा है। सरकार के नए टैक्स के चार्टर में ऐसी-ऐसी चीजें डाल दी गई हैं कि टैक्स चोरी मुश्किल हो जाएगी। अब फॉर्म 26 एएस में आपको प्रॉपर्टी टैक्स, मेडिकल की बिल, होटल की बिल और बीमा प्रीमियम जैसे बिलों को शामिल करना होगा। इससे यह पता चलेगा कि आपकी वास्तविक आय कितनी है।
फॉर्म 26 एएस में दिखाए जाने वाली चीजों का दायरा बढ़ा
सरकार ने टैक्स की चोरी पर लगाम लगाने के लिए फॉर्म 26 एएस में पहले से दिखाए जाने वाले मदों का दायरा बढ़ाने का फैसला लिया है। अब इसमें व्हाइट गुड्स की खरीदारी, प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान, मेडिकल और जीवन बीमा प्रीमियम का भुगतान और होटल के बिल के भुगतान को भी शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही इनके खर्च की सीमा भी घटाई जाएगी।
टैक्स रिटर्न मे लाई जाएगी आसानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को टैक्स के नए प्लेटफार्म को लॉन्च किया था। इसके साथ ही टैक्स का दायरा बढ़ाने के लिए फेसलेस असेसमेंट और रिटर्न दाखिले में सरलता लाने जैसे कई और टैक्स सुधारों का भी एलान किया गया। टैक्स व्यवस्था में सुधार, सहजता और पारदर्शिता लाने के अपने प्रयास के तहत सरकार ने टैक्स डिस्क्लोजर के लिए तमाम तरह के लेनदेन की सीमा घटाने का भी निर्णय लिया है।
होटल की बिल से लेकर छोटी बिल तक दर्ज होगी
अब अगर आप कोई व्हाइट गुड खरीदते हैं, प्रॉपर्टी टैक्स चुकाते हैं, मेडिकल या लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम और होटल बिल का भुगतान करते हैं तो बिलर को इसकी सूचना सरकार को देनी होगी। ये सारे खर्च आपके फॉर्म 26 एएस में दर्ज होंगे। इसके मुताबिक, आप 20 हजार रुपए से ज्यादा के इश्योरेंस प्रीमियम या होटल बिल का भुगतान करेंगे। जीवन बीमा पर 50,000 रुपए से ज्यादा का खर्च करेंगे। एक लाख रुपए से ज्यादा की स्कूल फीस भरेंगे या फिर कोई व्हाइट गुड्स, ज्वेलरी, मार्बल या पेंटिंग की खऱीदी करेंगे तो इन चीजों के लिए आपने जिसको पैसा दिया है उसको इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी।
20 हजार तक की जानकारी देनी होगी
यहां तक की 20 हजार और एक लाख रुपए से ज्यादा होने पर प्रॉपर्टी टैक्स और बिजली के बिल के भुगतान की जानकारी भी सरकार को भेजी जाएगी। इसके अलावा घरेलू और विदेशी दोनों ही बिजनेस क्लास एयर ट्रैवल की जानकारी भी सरकार के पास जाएगी। ये सभी खर्चे टैक्स अकाउंट में पहले से ही जमा होंगे। वर्तमान स्थितियों में 30 लाख रुपए से ज्यादा की संपत्ति खऱीदना, शेयरों में 10 लाख रुपए के निवेश, म्यूचुअल फंड, डीमैट, क्रेडिट कार्ड और फिक्स डिपॉजिट के जरिए किए गए 10 लाख रुपए से ज्यादा के लेन-देन की सूचना देनी होती है।
काले धन को बाहर लाने की योजना
बैंकों में कैश डिपॉजिट की लिमिट बचत खाता के लिए 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख और चालू खाता के लिए 50 लाख कर दी गई है लेकिन अगर आप 30 लाख रुपए से ज्यादा का बैंकिंग लेनदेन करते हैं तो आपको टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा। चाहे आपके इस लेनदेन की सूचना टैक्स विभाग को भेजी गई हो या न भेजी गई हो। सरकार ने काले धन को बाहर निकालने के लिए नए कानून बनाए हैं और कुछ खास तरह के लेनेदेन और खऱीद-बिक्री की जानकारी देना अनिवार्य कर रही है। सरकार data analytics पर ज्यादा निर्भर करके ये संदेश दे रही है कि टैक्स देनेवालों को परेशान नहीं किया जाएगा।
जून से ही मिल रही हैं लोगों को नोटिस
वैसे जून 2020 से टैक्स देनेवालों को इस तरह की तमाम नोटिसें मिल रहीं हैं जिसमें कहा गया है कि इस बात की पुष्टि करें कि उन्होंने कुछ खास हाई वैल्यू वाले लेनदेन किए हैं कि नहीं। आप ऑनलाइन जा कर इसकी पुष्टि कर सकते हैं। अगर आप इस बात से इनकार करते हैं कि आपने इनमें से कोई लेनदेन किया तो टैक्स विभाग सूचना देने वाली कंपनी से क्रॉस वेरीफाइ करेगा। इस स्थित में अगर आपका दावा गलत पाया जाता है तो आपको अपने इनकम टैक्स रिटर्न में बदलाव करना होगा। दरअसल यह सभी बातें पहले से ही सरकार ने तय कर रखी थी।
138 करोड़ की आबादी में अभी भी टैक्स भरनेवालों की संख्या कुछ ही करोड़ है। ऐसे में सरकार टैक्स के दायरे को और अधिक लोगों तक बढ़ाने की योजना बना रही है।

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