फैशन को दें थोड़ा ऑर्गेनिक टच

फैशन ऐसा होना चाहिए जिसमें कुदरत से प्यार छलके। पर्यावरण संरक्षण की बात होती है तो गो ग्रीन की बात चलती है तो हर चीज हरे रंग से रंग दी जाती है मगर यह पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। जरा सोचिए क्या जब केमिकल नहीं होते थे तो चीजें कम खूबसूरत होती थीं…नहीं..प्रकृति को साथ लेकर भी फैशन को शानदार बनाया जा सकता है। मसलन, रंग से लेकर फैब्रिक तक ऑर्गेनिक हो तो थोड़ी सी कोशिश से हम और आप पर्यावरण को सुरक्षित बना सकते हैं –
जिस तरह ऑर्गेनिक फूड लोगों की जिंदगी का हिस्सा बनता जा रहा है, उसी तरह फैशन में भी ऑर्गेनिक का जलवा छाने लगा है। कम केमिकल्स और प्राकृतिक रंगों के इस्तेमाल से बने फैब्रिक में कई नए प्रयोग किए जा रहे हैं।
ऑर्गेनिक या सस्टेनेबल फैशन में कार्बनिक कॉटन, बैंबू फैब्रिक और हाथ से बुनी खादी का उपयोग किया जाता है। इसमें रंग भी प्राकृतिक तत्वों से निकाले जाते हैं। इस तरह के फैब्रिक त्वचा के लिए अच्छे होते हैं क्योंकि इनसे स्किन एलर्जी की संभावना नहीं रहती। खासतौर पर गर्मियों में तो यह फैब्रिक बहुत अनुकूल रहता है। गहरे रासायनिक रंगों और केमिकल ट्रीटमेंट का चलन अब कम हो गया है। इसकी जगह हैंडमेड कॉटन।  बाँस की छाल से बने इको फ्रेड्ली कपड़े फैशन को नया आयाम दे रहे हैं। इसके लाभ देख कर लोग अब ऑर्गेनिक व इको फ्रेंड्ली कपड़ों की माँग कर रहे हैं। कुछ लोग इसे फैशन स्टेटमेंट की तरह देख रहे हैं तो कुछ जागरूकता का नतीजा मानते हैं। कई देसी-विदेशी ब्रैंड्स ऑर्गेनिक की राह पर चल पड़े हैं। सेहत और पर्यावरण को देखते हुए इस फैशन से रीजनल क्राफ्ट को फिर से जीवित कर पाने की उम्मीद जग रही है।
अब टेक्सटाइल और फैशन डिजाइनर डाइंग में होने वाले केमिकल्स के प्रयोग से बचना चाहते हैं। समस्या का समाधान यही है कि ऑर्गेनिक रंगों का अधिकाधिक इस्तेमाल किया जाए। हर्बल तत्वों से बुने गए कपड़े शहरी लोगों के लिए नई चीज हैं जिसे लोग तेजी से अपनाने लगे हैं।
हल्दी से पीला, टमाटर से लाल, शलजम से बैंगनी, इंडिगो से नीला रंग..ऐसे कई उपाय हैं कि अब रंगों को भी पर्यावरण अनुकूल बनाया जा सकता है।
चूंकि ऑर्गेनिक फैब्रिक महँगा होता है इसलिए बड़ी आबादी तक इसकी पहुँच भी मुश्किल होती है। ऑर्गेनिक रंग या प्रिंट्स भारतीय संस्कृति में लंबे समय से चलन में हैं। मैं इसे उपयोग में लाने को उत्सुक हूँ। यह फैब्रिक मुलायम और आरामदेह होता है। लोगों की प्राथमिकता में यह शामिल हो सके, इसके लिए अभी कुछ और प्रयास करने होंगे।

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