फादर्स डे पर विशेष : और एक पिता ने अपना लीवर देकर बचा लिया अपने कलेजे का टुकड़ा

अमेजन में डिलिवरी का काम करते हैं सौरभ, उपचार के लिए की गयी क्राउंड फंडिंग

सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तो साथ आए लोग, गाृयक अरिजीत ने की आर्थिक सहायता

चेन्नई के अपोलो में कोलकाता के तनीश की सफल पीडियाट्रिक लीवर ट्रांसप्लांट सर्जरी

कोलकाता । पिता चट्टान होता है और साधनहीन होने पर भी समय आने पर अपनी संतान की रक्षा के लिए खुद ईश्वर के सामने खड़ा हो जाता है । कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जो आपको परेशान करती हैं और तब ईश्वर आपकी सहायता के लिए स्वयं आ जाता है और आप हर बाधा को पार कर जाते हैं।  यह घटना आपके चेहरे पर मुस्कान भी ला देगी और मानवता पर, ईश्वर पर आपका विश्वास बढ़ा देगी । यह घटना सोशल मीडिया की सकारात्मकता की शक्ति बताती है । घटना मुर्शिदाबाद के सौरभ की है जो अमेजन में डिलिवरी का काम करते हैं…वेतन मात्र 12 हजार और तब एक दिन उनको अपने मासूम बेटे की बीमारी का पता चलता है । इससे वह विचलित जरूर होते हैं मगर हिम्मत नहीं हारते । उनके दोस्त, परिजन और सोशल मीडिया के साथ आने वाले शुभचिंतक उनके लिए ईश्वर की तरह खड़े हो जाते हैं और वह अपना लीवर देकर अपने बच्चे को सौरभ बचा लेते हैं । अमेजन के लिए डिलिवरी का काम करने वाले सौरभ घोष की जिन्दगी में भी ऐसा ही तूफान आया जब उनको अपने नन्हें बेटे की बीमारी का पता चला । ऐसी स्थिति में सोशल मीडिया पर क्राउंड फंडिंग से उनको आर्थिक सहायता मिली जिसके लिए प्रख्यात गायक अरिजीत सिंह भी सामने आए । अन्ततः सबकी कोशिशें रंग लायीं, कोलकाता के तनीश का उपचार चेन्नई के अपोलो अस्पताल में हुआ । सौरभ ने अपना लीवर दिया । चिकित्सकों के अनुसार लीवर का एक छोटा अंश निकाला गया । पिता और बच्चा…दोनों स्वस्थ हैं । अपोलो हॉस्पिटल, चेन्नई ने गर्व के साथ अपोलो में कोलकाता के उस बच्चे में पीडियाट्रिक लिवर ट्रांसप्लांट के लिए सफल रोबोटिक डोनर हेपेटेक्टोमी की घोषणा की । प्रत्यारोपण में उनके पिता सौरभ घोष द्वारा दान किए गए लीवर का एक हिस्सा शामिल था, जिसके परिणामस्वरूप छोटे बच्चे के लिए जीवन रक्षक प्रक्रिया हुई। लिवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. एलानकुमारन के नेतृत्व में सर्जिकल टीम ने इसका प्रदर्शन किया । मास्टर तनिश घोष पर किया गया सफल प्रत्यारोपण अपोलो अस्पताल, चेन्नई में उपलब्ध उन्नत चिकित्सा क्षमताओं पर प्रकाश डालता है। डॉ. एलानकुमारन, ने 2000 से अधिक लीवर प्रत्यारोपण और 5000 से अधिक लीवर सर्जरी की है । उन्होंने लीवर की बीमारियों और अस्पताल की व्यापकता पर प्रकाश डाला। डॉ. एलानकुमारन ने हमारे देश में लिवर की बीमारियों के बढ़ते प्रसार पर प्रकाश डाला और अपोलो में उपलब्ध प्रगति के लिए आभार व्यक्त किया।” उन्होंने कहा “दाता हेपेटेक्टोमी में रोबोटिक तकनीक का उपयोग हमें परिशुद्धता बढ़ाने और आक्रमण को कम करने में सक्षम बनाता है, जिसके परिणामस्वरूप हमारे रोगियों के लिए बेहतर परिणाम और कम वसूली का समय होता है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि लीवर प्रत्यारोपण के क्षेत्र में हमारे द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाती है।” कोलकाता से ताल्लुक रखने वाले मास्टर तनिश घोष को लिवर की गंभीर स्थिति का पता चला था जिसमें तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता थी। सौरभ घोष, जिन्होंने अपने लीवर का एक हिस्सा दान किया, जिस कारण तनिश को एक नया जीवन मिला| अपोलो अस्पताल, चेन्नई में टीम द्वारा उपयोग किए गए रोबोटिक सर्जिकल दृष्टिकोण ने न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया की सुविधा प्रदान की, जिससे जोखिम कम हो गया जाता हैं । मास्टर तनिश घोष का सफल रोबोटिक पीडियाट्रिक ट्रांसप्लांट देश भर में लीवर की बीमारियों से पीड़ित रोगियों के लिए आशा की किरण के रूप में काम करता है। अस्पताल बना हुआ है देखभाल की उच्चतम गुणवत्ता प्रदान करने, नवीन तकनीकों को नियोजित करने और ज़रूरतमंद रोगियों के लिए सकारात्मक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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