पटना : बिहार में रोजगार का अभाव होने के चलते यहां से लोग रोजगार की तलाश में पलायन कर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चंडीगढ़, पुणे जैसे औद्योगिक शहरों में जाकर बस गए हैं। वहां वे जैसे-तैसे मेहनत कर अपना और परिवार का भरण-पोषण करते हैं। कोरोना जैसी महामारी के दौरान जब इन रोजगार देने वाले शहरों और राज्यों में सबकुछ ठप हो गया तो बिहार के इन मजदूरों और कामगारों को काफी दिक्कत हुई। इन जैसी परिस्थितियों में ये लोगों के सामने ठीक से पेट भरने तक की मुसीबत आ जाती है। अगर आप ऐसी किसी भी परिस्थिति में अपनी मुश्किल कम करना चाहते हैं तो बिहार सरकार की योजना के तहत लेबर कार्ड जरूर बनवाएं। बिहार में लेबर कार्ड बनवाने के ढेर सारे फायदे हैं जिसका लाभ लेकर आप अपना और अपने परिवार की जिंदगी को सुखमयी बना सकते हैं।
बिहार में कैसे बनवाएं लेबर कार्ड
– सबसे पहले http://bocw.bihar.gov.in/ वेबसाइट को लॉगिन करें।
– वेबसाइट की दाईं साइड लाल पट्टी पर आपको लिखा दिखेगा ‘नए निबंधन के लिए अनुरोध’। इसपर क्लिक करें। यहां क्लिक करते ही एक पीडीएफ फाइल अपलोड होगा। इस PDF फाइल में आप योजना से जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
– सारी जानकारी हासिल करने के बाद आप अपने ब्लॉक में जाकर वहां श्रम संसाधन विभाग के अफसर से मिलें। उनसे लेबर कार्ड बनवाने का फॉर्म मांगे।
– आप चाहे तो अपने पंचायत के मुखिया से भी इस फॉर्म की डिमांड कर सकते हैं।
– फॉर्म अच्छे से भरने के बाद, उसके साथ सारे डॉक्यूमेंट डॉक्यूमेंट संलग्न कर अपने ब्लॉक के श्रम संसाधन विभाग में जाकर जमा करें। फॉर्म के साथ जरूरी कागजात में आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति या नेम प्रिंटेड कैंसिल चेक होना अनिवार्य है।
किस पेशे से जुड़े लोग बनवा सकते हैं लेबर कार्ड
भवन निर्माण एवं रोड निर्माण कार्य में कुशल कोटि के कामगार
राज मिस्त्री
राज मिस्त्री हेल्पर
बढ़ई
लोहार
पेंटर
भवन में बिजली एवं इससे जुड़ा काम करने वाले इलेक्ट्रिशियन
भवन में फर्श/फ्लोर टाइल्स का कार्य करने वाले मिस्त्री और उसके सहायक
सेंट्रिंग एवं लोहा बांधने का कार्य करने वाले
गेट ग्रिल एवं वेल्डिंग का काम करने वाले
कंक्रीट मिक्सर मशीन चलाने वाले और कंक्रीट मिक्स ढोने वाले
महिला कामगार (रेजा) जो सीमेंट, गारा मिक्स ढोने का कार्य करती हैं
रौलर चालक
रोड पुल एवं बांधी निर्माण कार्य में लगे मजदूर
रोड, पुल, बांध, भवन निर्माण कार्य में विभिन्न आधुनिक यंत्रों को चलाने वाले मजदूर
रोड, पुल, बांध, रेलवे, भवन निर्माण कार्य स्थल पर गार्ड/चौकीदार की नौकरी करने वाले
भवन निर्माण में जल प्रबंधन का कार्य करने वाले पलम्बर के निर्माण में लगे अकुशल अस्थाई कामगार
मनरेगा कार्यक्रम के अंतर्गत (बागवानी एवं वानिकी को छोड़कर)
यहां बता दें कि कारखाना अधिनियम 1948 एवं खान अधिनियम 1952 के अंतर्गत निर्माण कार्य में संलग्न श्रमिक इसमें शामिल नहीं हैं।