नेताजी के नाम पर पुलिसकर्मियों को पुरस्कार, राष्ट्रीय पुलिस स्मारक व पुलिस संग्रहालय का उद्घाटन

नयी दिल्ली : धानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ऐलान किया कि आपदा के दौरान राहत एवं बचाव अभियान में बेहतरीन काम करने वाले पुलिसकर्मी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर एक सालाना राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा।
21 अक्टूबर 1943 को सुभाष चंद्र बोस द्वारा भारत की पहली स्वतंत्र सरकार ‘आजाद हिंद सरकार’ के गठन की घोषणा के 75 साल पूरे होने के मौके पर मोदी ने यह ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि हर साल नेताजी के जन्मदिन 23 जनवरी को इस पुरस्कार की घोषणा की जाएगी।
मोदी ने कहा, ‘‘इस साल से हम ऐसे पुलिसकर्मी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के नाम पर एक पुरस्कार  देंगे जो किसी आपदा के दौरान लोगों को राहत एवं बचाव के लिए बेहतरीन काम करते हैं।’’

राष्ट्रीय पुलिस स्मारक और पुलिस संग्रहालय का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहाँ नए कलेवर वाले राष्ट्रीय पुलिस स्मारक और नवनिर्मित पुलिस संग्रहालय का उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया।  राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने शहीद पुलिसकर्मियों के सम्मान में बनाई गई 30 फुट ऊंची और 238 टन की काले ग्रेनाइट की मूर्ति, एक संग्रहालय और एक ऐसे पट्ट का अनावरण किया जिस पर 34,800 से ज्यादा शहीद पुलिसकर्मियों के नाम लिखे हुए हैं।
मध्य दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में 6.12 एकड़ जमीन पर निर्मित पुलिस स्मारक बनाया गया है। पहुंचने पर मोदी को रस्मी सलामी दी गई। कार्यक्रम स्थल पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने शहीद जवानों की स्मृति में माल्यार्पण किया।
इस मौके पर गृह राज्य मंत्रियों.. किरेन रिजिजू एवं हंसराज अहीर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सहित केंद्रीय एवं राज्य पुलिस बलों के कई वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे।
खुफिया ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन ने इस मौके पर कहा कि आजादी से लेकर अब तक 34,844 पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य का पालन करते हुए शहीद हुए। उन्होंने कहा कि पिछले साल 414 पुलिसकर्मी शहीद हुए।
साल 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग इलाके में चीनी सेना की ओर से घात लगाकर किए गए हमले में 10 पुलिसकर्मियों की शहादत की याद में राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।
देश की एकता एवं अखंडता की रक्षा के लिए कुर्बानी देने वाले कई अन्य जवानों को भी राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस पर याद किया जाता है।
कुछ साल पहले निर्मित स्मारक अब नए कलेवर में नजर आ रहा है। पत्थर के पुराने ढांचे को हटाकर इसके प्रमुख हिस्से का विस्तार किया गया है।
राष्ट्रीय पुलिस स्मारक परिसर में जमीन के नीचे एक संग्रहालय बनाया गया है जिसमें केंद्रीय एवं राज्य पुलिस बलों के इतिहास, कलाकृतियों, वर्दियों आदि को प्रदर्शित किया गया है।
खुफिया ब्यूरो ने गृह मंत्रालय के मातहत काम करने वाले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के साथ समन्वय कायम कर संग्रहालय की परियोजना को मूर्त रूप दिया।

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