पुरुषों के लिए भी जरूरी है सेहत का ध्यान रखना

यह सच हैै कि महिलाएं अपनी सेहत पर अक्सर ध्यान नहीं देतीं मगर यह बात पुरुषों पर भी उतनी ही लागू होती है। समय रहते बीमारी को पहचान लिया जाए तो उससे जानलेवा बनने से रोका जा सकता है। याद रहे कि परिवार के लिए आपके अन्य सदस्य जितना महत्व रखते हैं कि उतनी ही अहमियत आपकी भी है और आपका स्वस्थ रखना भी उतना ही जरूरी है। अगर आप चाहते हैं कि आप जिंदगीभर स्वस्थ रहें तो ये 7 टेस्ट जरूर करवाएं –

प्रोस्टेट कैंसर- स्किन कैंसर के बाद पुरुषों में होने वाला ये सबसे आम कैंसर है। अगर समय रहते इस बीमारी का पता लगा लिया जाए तो इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है। इसको पहचानने के लिए 2 टेस्ट किए जाते हैं- डिजिटल रेक्टम टेस्ट और प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन ब्लड टेस्ट।

टेस्टीकुलर कैंसर- इस कैंसर से पुरुषों का रिप्रोटेक्टिव ग्लैंड प्रभावित होता है। इस बीमारी की चपेट में 20 से 54 साल की उम्र वाले पुरुष आते हैं। इसलिए जब भी आप रूटीन चेकअप करवाने जाएं तो टेस्टीकुलर टेस्ट करवाना न भूलें।

हाई ब्लड प्रेशर- उम्र बढ़ने के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ने लगता है। ये मोटापे और लाइफस्टाइल से भी जुड़ा होता है। ये आपके दिल के लिए काफी खतरनाक हो सकता है इसलिए समय-समय पर अपने ब्लड प्रेशर की जांच जरूर करवाते रहें।

कोलेस्ट्रॉल लेवल- शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से दिल की बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक भी आ सकता है। ब्लड टेस्ट से आपके शरीर में मौजूद खतरनाक कोलेस्ट्रॉल का पता लगाया जा सकता है।

डायबिटीज- ये बीमारी अपने साथ कई बीमारियां लेकर आती है जैसे दिल की समस्याएं, स्ट्रोक, किडनी से जुड़ी समस्याएं, अंधापन, नर्व डैमेज और नपुंसकता। अगर समय रहते डायबिटीज का पता लगा लिया जाए तो इन सब बीमारियों से बचा जा सकता है। इसे पहचानने के लिए ब्लड शुगर टेस्ट, ग्लुकोज टॉलरेंस टेस्ट और A1C  टेस्ट किया जाता है। 45 साल की उम्र के बाद हर तीन महीने में इस टेस्ट को जरूर करवाएं।

HIV टेस्ट- HIV का पता ब्लड टेस्ट से लगाया जा सकता है। इसमें सबसे पहला टेस्ट  ELISA या EIA होता है। कई बार इससे एचआईवी वायरस का पता नहीं चल पाता। इसलिए पुष्टि के लिए वेस्टरेन ब्लॉट एसे नाम का दूसरा टेस्ट किया जाता है।

ग्लूकोमा- ये बीमारी आंखों की नसों को प्रभावित करती है जिससे आप अंधे हो सकते हैं। ये किसी भी उम्र के इंसान को प्रभावित कर सकती है इसलिए 40 से कम उम्र के लोगों को हर 2 साल में एक बार, 40-64 साल के लोगों को साल में एक बार और 65 से ऊपर के लोगों को हर 6 महीने में ये टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।

 

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