नयी दिल्ली : केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि देश में प्राइवेट मंदिर का कोई सिद्धांत नहीं है। मंदिर निजी नहीं बल्कि सार्वजनिक संपत्ति है, जिसमें कोई भी जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि पुरुषों की तरह महिलाओं को भी मंदिर में जाने का हक है।
बता दें कि सबरीमाला के प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर में 10 वर्ष से 50 वर्ष तक के उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है। दरअसल, महिलाओं के उस समूह को मंदिर में प्रवेश से रोका जाता है जिन्हें माहवारी होती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान अयप्पा एक ‘नास्तिक ब्रह्मचारी’ थे और इस कारण रजस्वला महिलाओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित है। मंदिर प्रबंधक के इस फैसले का सामाजिक संगठन और महिलाएं पुरजोर विरोध कर रही हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी उन महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी जो मंदिर में पूजा करने की इच्छुक तो हैं लेकिन उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया जाता है।