पिस्तौल और रिवॉल्वर में क्या अंतर है? जानिए

हम अपनी रोज़ाना की ज़िंदगी में न जाने कितने शब्द बोलते हैं । हमारे शब्दकोष का बड़ा भाग एक-दूसरे की बातें सुनने से ही बनता है । ऐसे में जब हम किसी से कोई शब्द सुनते हैं तो कई बार नहीं जान पाते कि इसका सही मतलब क्या है लेकिन वो हमारी बातचीत में शुमार होने लगता है । कई बार तो एक जैसे शब्दों के बीच का अंतर बिना जाने ही हम इसे इस्तेमाल करते रहते हैं ।
क्या है रिवॉल्वर और पिस्तौल का अंतर?
रिवॉल्वर एक तरह की बंदूक होती है । इसमें हैंडगन में घूमने वाले सिलेंडर में गोलियां लगाई जाती हैं । रिवॉल्वर में कुल 6 गोलियां डाली जा सकती हैं । इससे फायर करने पर पीछे की तरफ से एक हैमर नुमा चीज से गोली आगे निकलती है । इसमें सिलेंडर अपने आप घूमता है और दूसरी गोली सामने आ जाती है । गोलियां खत्म होने के बाद रिवाल्वर में से सिलेंडर को बाहर निकालते हैं और उसमें गोलियां भरी जाती हैं । वहीं पिस्तौल या पिस्टर में 20 गोलियां भरी जा सकती हैं, जिनकी रेंज भी 50 से 100 मीटर तक होती है । ये ऑटो या सेमी ऑटोमेटिक हो सकती हैं । इमसें मैगजीन लगी होती है और स्प्रिंग के ज़रिये गोली फायर प्वाइंट पर सेट हो जाती है । इसमें गोली लोड करने में बिल्कुल वक्त नहीं लगता है । सैमुअल कॉल्ट ने साल 1836 में वो हैंडगन बनाई थी, जिसे आप अक्सर पुरानी फिल्मों देखते होंगे । इसमें घूमने वाल सिलेंडर का इस्तेमाल किए जाने के कारण इसका नाम रिवॉल्वर पड़ा था । रिवॉल्वर और पिस्टल की रेंज तो बराबर होती है लेकिन ऑटोमेटिक पिस्टल में तो सिर्फ ट्रिगर दबाने से ही काम हो जाता है । हालांकि हादसा होने का ज़ोखिम इसमें कहीं ज्यादा होता है ।

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