दुर्ग । कहते हैं जिनके हौसले बुलंद होते हैं वो दुनिया की किसी थी परिस्थिति से लड़कर लक्ष्य हासिल कर लेते हैं। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की सानिया मरकाम ने ऐसा ही करके दिखाया है। सानिया मरकाम ने 10वीं क्लास में टॉप किया है। मेरिट लिस्ट में उसका 7वां स्थान है। उसे 97.33 फीसदी मार्क्स मिले हैं। सानिया ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए कड़ा संघर्ष किया है। उसके पिता और भाई जेल में हैं। घर की आर्थिक स्थिति भी खराब है। लेकिन इसके बाद भी सानिया ने हार नहीं मानी। कठिनाई और समस्याओं से लड़कर उसने सफलता पाई है। बुधवार को दुर्ग जिले के एसपी अभिषेक पल्लव, टॉपर छात्रा से मिलने उसके घर पहुंचे। सानिया ने एसपी से कहा कि तीन सालों से उसने अपने पिता को नहीं देखा है। मैं अपने पिता से मिलना चाहती हूं।
एसपी अभिषेक पल्लव गुरुवार को टॉपर्स सानिया मरकाम को लेकर जेल पहुंचे। बेटी और पिता की मुलाकात करवाई। तीन साल बाद बेटी ने जब पिता को देखा तो भावुक हो गई। पिता को भी जब बेटी के सफलता की कहानी पता चली तो वो भी रो पड़े। एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा- बेटे ने घर पर कलंक लगाया और बेटी ने उस कलंक को धो दिया। परिवार का लड़का नशा करता है और चाकूबाजी करता है, लेकिन बेटी ने पढ़ाई को ही अपना हथियार बना लिया।
पिता से मिलने की जाहिर की थी इच्छा
सानिया, दुर्ग शहर के पोलसाय पारा में रहती है। दसवीं की परीक्षा में प्रदेश में 7वां स्थान मिलने पर उसके परिवार में खुशी थी। इसी दौरान जिले के एसपी अभिषेक पल्लव भी टॉपर बच्ची को शुभकामनाएं देने के लिए उसके घर पहुंचे। इस दौरान सानिया ने जेल में बंद अपने पिता से मिलने की इच्छा जताई। उसके बाद एसपी ने फौरन जेल अधीक्षक से चर्चा की। इसके बाद गत गुरुवार को जेल प्रबंधन ने छात्रा की मुलाकात उसके पिता से कराने की व्यवस्था की।