कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान ने उल्लेखनीय रफ्तार पकड़ी है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार रात 8:00 बजे तक राज्य भर में कुल 3.04 करोड़ से अधिक एन्यूमरेशन फॉर्म घर-घर जाकर वितरित किए जा चुके हैं। यह अभियान 04 नवम्बर से प्रारंभ हुआ था और महज़ चार दिनों में ही इसने उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। आयोग के अनुसार, राज्य के सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों में तैनात लगभग 80 हजार 681 बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) मतदाताओं के घरों तक जाकर दो-दो प्रतियों में एन्यूमरेशन फॉर्म वितरित कर रहे हैं। इनमें से एक प्रति मतदाता के पास सुरक्षित रखी जा रही है, जबकि दूसरी प्रति निर्वाचन आयोग के अभिलेखों हेतु जमा की जाएगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में अभियान की रफ्तार में विशेष वृद्धि दर्ज हुई है। गुरुवार रात 8 बजे तक 2.01 करोड़ फॉर्म बांटे गए थे, जो शुक्रवार शाम तक बढ़कर 3.04 करोड़ से अधिक हो गए। आयोग का कहना है कि यह बढ़ोतरी बीएलओ नेटवर्क की सक्रियता और क्षेत्रीय प्रशासन के समन्वित प्रयासों का परिणाम है। अधिकारियों ने बताया कि इस बार का एसआईआर अभियान विशेष रूप से व्यापक है, क्योंकि पश्चिम बंगाल में यह प्रक्रिया 23 वर्षों बाद की जा रही है। वर्ष 2002 के बाद यह पहला मौका है जब मतदाता सूची के पूर्ण पुनरीक्षण के लिए राज्य स्तर पर इतने बड़े पैमाने पर फॉर्म वितरण किया जा रहा है। प्रत्येक प्राप्त विवरण की गहन निगरानी और सत्यापन किया जा रहा है, ताकि मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटि-मुक्त बनाया जा सके।
इस बीच, कुछ जिलों से बीएलओ और राजनीतिक दलों के बूथ स्तर कार्यकर्ताओं पर हमलों की छिटपुट घटनाएं सामने आई हैं। निर्वाचन आयोग ने इन घटनाओं पर गंभीर संज्ञान लेते हुए संबंधित जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की बाधा या हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक योग्य नागरिक तक प्रपत्र सुरक्षित रूप से पहुंचे।
आयोग के सूत्रों ने बताया कि अभियान के पहले चरण में अपेक्षित लक्ष्य हासिल करने के लिए अतिरिक्त पर्यवेक्षकों को भी तैनात किया जा रहा है। एसआईआर अभियान 09 दिसम्बर तक जारी रहेगा और इसके बाद प्राप्त आंकड़ों का सत्यापन कर अंतिम मतदाता सूची जनवरी 2026 में प्रकाशित की जाएगी।





