कोरोना का मुश्किल वक्त गुजरा ही था कि परीक्षा की तिथि घोषित हो गयी। कुछ दिनों बाद ही बच्चों की बोर्ड परीक्षाएं हैं। अक्सर देखा गया है कि परीक्षा आते ही बच्चों पर पढ़ाई का तनाव बढ़ जाता है और अनियमित दिनचर्या से बच्चों की भूख अक्सर कम हो जाती है। एक ही जगह बैठे रहने से तनाव और थकान के कारण बच्चों की खाने से अरुचि हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि उन्हें पौष्टिक आहार दिया जाए। परीक्षा के तनाव को दूर करने में कुछ खाद्य पदार्थ अहम भूमिका निभाते हैं। जिससे बच्चों की याददाश्त बढ़ती है और मुंह का स्वाद भी बदलता रहता है। तो आइये ऐसे ही आहार के बारे में बताते हैं जो दिमाग के लिए भी अच्छे हैं और स्वादिष्ट भी।
नट्स खाने से बढ़ती है मेमोरी
नट्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और दिमाग को तेज़ करने के लिए आवश्यक भी। मेवे में विटामिन-ई और जिंक की अच्छी मात्रा शामिल होती है, जो उन्हें परीक्षा के समय स्नैक्स के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाता हैं। नट्स में गुड फैट, प्रोटीन और फाइबर होते हैं, जो बच्चों को लंबे समय तक पढ़ने के दौरान ऊर्जा देने में मदद कर सकती हैं। साथ ही, कुछ शोध से पता चलता है कि नट्स खाने से भी मस्तिष्क के कुछ पहलुओं को बेहतर काम करने में मदद मिलती है। नट्स खाने से समग्र मानसिक स्थिति में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
मखाने या मूंगफली
परीक्षा के समय अक्सर बच्चों को पढ़ते वक़्त भूख लगती है और ऐसे में उन्हें जंक स्नैक्स देने से अच्छा है घर पर भुने मखाने या मूंगफली देना। मखाने हो या मूंगफली दोनों ही सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है और ये बच्चों को भी काफी पसंद होते हैं। नेशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (एनसीबीआई) में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, मखाने में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी ट्यूमर गुण मौजूद होते हैं, जो दिमाग को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है। साथ ही मूंगफली में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है जो दिमाग के लिए बहुत अच्छा है और इसे खाने से बच्चों को जल्दी भूख भी नहीं लगती है। बच्चों को पढाई के वक़्त तरोताजा रखने के लिए विटामिन- सी जरूरी है। संतरे, अंगूर या कीवी जैसे अन्य मौसमी फल बच्चों को ज़रूर खिलाएं। कई शोध में यह सामने आया है कि विटामिन-सी मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाता है और समग्र रूप से बच्चों की याद करने की शक्ति अच्छी करता है। फ्रूट जूस देने के बजाय उन्हें ऐसे फल खिलाएं जो बच्चों का माइंड फ्रेश रखेंगे।
डार्क चॉकलेट
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि डार्क चॉकलेट मेंटल परफॉरमेंस पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। एनसीबीआई के अध्ययनों से पता चला है कि डार्क चॉकलेट का सेवन मानसिक थकान को कम करने, मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने और स्मरण शक्ति को बढ़ाने में मदद कर सकती है।
स्मूदी या शेक
काफी बच्चे पढ़ते सय चाय या कॉफ़ी का सेवन करते हैं, लेकिन यह सही नहीं है क्योंकि दोनों में कैफीन की मात्रा अधिक होती है जो या तो सुस्ती का कारण बन सकती है या नींद उड़ा देती है। ऐसे में उन्हें उनके मन पसंद फ्रूट से बने शेक या स्मूदी दें नहीं तो बादाम का दूध भी एक अच्छा विकल्प है। ये सभी स्वादिष्ट तो हैं ही, साथ ही सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं और इन्हें पीने से नींद भी नहीं आएगी। ऐसा करने से बच्चे दूध भी पी लेंगे और आपकी चिंता भी दूर हो जाएगी।
(साभार – हेल्थ शॉट्स)