गाजीपुर : भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक ‘परमवीर चक्र’ विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद की धर्मपत्नी रसूलन बीबी का शुक्रवार की दोपहर यहां निधन हो गया। वह 95 वर्ष की थीं। उन्होंने अपने पौत्र जमील आलम के दुल्लहपुर स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। वह काफी लंबे अरसे से बीमार चल रही थीं। दुल्लहपुर क्षेत्र के धामुपुर गांव के निवासी ‘परम वीर चक्र’ विजेता वीर अब्दुल हमीद 10 सितंबर 1965 को खेमकरण सेक्टर में पाकिस्तान से जंग लड़ते समय शहीद हो गये थे। उन्हें मरणोपरांत सेना के सर्वोच्च सम्मान ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया था। पाकिस्तान के खिलाफ वर्ष 1965 की जंग में पाकिस्तान के पैटन टैंकों से लोहा लेने वाले अदम्य साहसी अब्दुल हमीद को मरणोपरांत परमवीर चक्र प्रदान किया गया था। उनकी पत्नी रसूलन बीबी परिवार के साथ गाजीपुर में ही रह रही थीं। जिले में अब्दुल हमीद की स्मृतियों को सहेजने के लिए रसूलन बीबी के प्रयासों की लोग प्रशंसा करते हैं। वीर अब्दुल हमीद की ही प्रेरणा से आज पूर्वांचल में गाजीपुर जिले से बड़ी संख्या में युवा सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जनवरी 2017 में नए आर्मी चीफ बनने के बाद शहीद की धर्मपत्नी रसूलन बीबी आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत से मिली थीं और ये आग्रह किया था कि उनके जीते जी वो एक बार शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके मेमोरियल आएं। हर साल 10 सितम्बर को शहीद अब्दुल हमीद का परिवार उनके लिए एक सभा का आयोजन करता है। शहीद परमवीर चक्र अब्दुल हमीद की पत्नी की वृद्धावस्था को देखते हुए जनरल रावत ने खुद गाजीपुर जाने का फैसला किया था।