पद्म पुरस्‍कारों की घोषणा, धोनी, पंकज आडवाणी के साथ शारदा सिन्हा को भी पद्म भूषण

नयी दिल्ली : गणतंत्र दिवस की पूर्व संख्या पर सरकार ने देश के प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कारों का ऐलान कर दिया है। इनमें कला, संस्कृति, खेल के साथ मानव सेवा और कुछ नया करने वालों को जगह दी गई है। इस बार 85 लोगों को पद्म अवॉर्ड दिया गया। इसमें से तीन लोगों को पद्म विभूषण, नौ लोगों को पद्म भूषण और 73 लोगों को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

गृह मंत्रालय ने कहा कि इस साल सरकार को पद्म पुरस्कारों के लिए 15,700 से ज्यादा आवेदन मिले थे।

पद्म विभूषण पुरस्कार

1. इलैयाराजा, कला और संगीत

2. गुलाम मुस्तफा खान, कला और संगीत

3. परमेश्वरन परमेश्वरन, साहित्य एवं शिक्षा

पद्म भूषण पुरस्कार

1. पंकज आडवाणी, बिलियर्ड्स

2.महेंद्र सिंह धोनी (झारखंड), स्पोर्ट्स-क्रिकेट

3. फिलिपोस क्रिसोस्टम

4. एलेक्जेंडर कदाकिन, पब्लिक अफेयर्स

5. रामचंद्रन नागास्वामी

6. वेद प्रकाश नंदा, साहित्य एवं शिक्षा

7. लक्ष्मण पई, कला एवं पेंटिंग

8. अरविंद पारिखे, कला-संगीत

9. शारदा सिन्हा (बिहार), कला-संगीत

पद्मश्री पुरस्कार के लिए जिन नामों का चयन किया गया है, उनमें साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र के लिए महाराष्ट्र के वैज्ञानिक व टायमेकर अरविंद गुप्ता को पुरस्कृत किया गया है। आईआईटी कानपुर से पढ़े लिखे गुप्ता पिछले करीब चार दशक से स्कूलों में खिलौने के जरिए शिक्षा के प्रचार प्रसार में जुटे है।

मेडिसिन के क्षेत्र में केरल की 75 वर्षीय लक्ष्मीकुट्टी को पुरस्कृत किया गया है। यह लंबे समय से आदिवासी क्षेत्र में सांप के कांटने से लोगों की जड़ी-बूटी देती है। यह अब तक 500 सौ हर्बल दवाईयां तैयार कर चुकी है।

इस क्षेत्र के लिए केरल के एम आर राजगोपाल को, कर्नाटक की 97 वर्षीय सुलगट्टी नरसम्मा और हिमाचल प्रदेश के 90 वर्षीय याशी धोडेन को भी पुरस्कृत किया गया है। महाराष्ट्र की रानी और अभय बंग को और नेपाल के आंखो के 62 वर्षीय सैंडक रूइत को भी पुरस्कृत किया गया है।

इसके अलावा आर्ट(पेंटिंग) के क्षेत्र में मध्य प्रदेश के भज्जू श्याम को पुरस्कृत किया गया है। गोंड कला के गुरू के रुप में इनकी पहचान है।

सामाजिक क्षेत्र के लिए पश्चिम बंगाल के 99 वर्षीय सुंधाशु विश्वास और पश्चिम बंगाल की 75 वर्षीय महिला सुभाषिनी मिस्त्री को, खेल के क्षेत्र में महाराष्ट्र के मुरलीकांत पेटकर को सम्मानित किया गया है।

तैराकी के क्षेत्र में इन्होंने देश-दुनिया के कई बड़े पुरस्कार भी जीते है। विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नया काम करने वाले तमिलनाडु के राजगोपालन वासुदेवन को यह पुरस्कार दिया गया है। सामाजिक क्षेत्र के लिए और भी जिन लोगों को पुरस्कृत किया गया है, उनमें नागांलैंड की 84 वर्षीय महिला लेंटिना ओ टक्कर को, महाराष्ट्र के संपत रामटेके भी शामिल है। वहीं वन्यजीवों के संरक्षण के लिए काम कर रहे तमिलनाडु के सोमोलुस बाइटेकर को भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।।

भगवत गीता के 700 श्लोकों का उर्दू में अनुवाद करने वाले उत्तर प्रदेश के लखनऊ के अनवर जलालपुरी को चुना गया। उनकी इस कवायद को सांप्रदायिक सदभाव बढ़ाने के रूप मे अहम माना जाता है। सूफी गायकी से पहचान बनाने वाले कर्नाटक के इब्राहिम सुतार को कला के क्षेत्र में सम्मान से नवाजा गया है। विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बिहार के मानस बिहारी वर्मा को चुना गया। वह देश के पहले सुपरसोनिक फाइटर तेजस के प्रोग्राम डाइरेक्टर थे। उन्हें विज्ञान पुरुष के रूप में जाना जाता है। सामाजिक क्षेत्र के लिए कर्नाटक के सितव्वा जोड्डती को, योगा के क्षेत्र में सउदी अरब की 38 वर्षीय महिला नऊफ मरवाई और तमिलनाडु के 98 वर्षीय वी.नानाम्मल को यह पुरस्कार दिया गया है।

 

 

 

 

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