Wednesday, April 2, 2025
खबर एवं विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें - [email protected]

पत्नी की सहमति के बिना कोई व्यक्ति किसी बच्चे को गोद नहीं ले सकता: सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि पत्नी की सहमति के बिना कोई व्यक्ति किसी बच्चे को गोद नहीं ले सकता है। बच्चे को गोद लेने के लिए व्यक्ति को पत्नी की इजाजत लेनी होगी। साथ ही कोर्ट ने साफ किया कि विधिवत समारोह के बगैर बच्चे को गोद लेने को ‘गोद लेना’ नहीं कहा जा सकता।
जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि गोद लेना तभी वैध माना जा सकता है जब हिंदू अडॉप्शन एंड मेंटेनेंस एक्ट 1956 की धारा 7 और 11 का पालन किया गया हो। किसी बच्चे को गोद लेने के लिए पत्नी की सहमति लेना जरूरी है। साथ ही गोद लेने के समारोह का प्रमाण भी होना चाहिए। पीठ ने आंध्र प्रदेश की महिला एम वानजा द्वारा गोद लिए जाने के समारोह का प्रमाण न देने पर यह मानने से इनकार कर दिया कि उसे किसी ने गोद लिया था। यह कहते हुए पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। याचिकाकर्ता वानजा ने अपने मौसा को ही अपना पिता बताया था लेकिन उसकी मौसी का दावा था कि याचिकाकर्ता उसकी गोद ली हुई बेटी नहीं है।
याचिकाकर्ता ने सम्पत्ति में माँगी थी हिस्सेदारी
दरअसल, यह मामला सम्पत्ति विवाद से जुड़ा है। वानजा ने याचिका दायर कर अपनी मौसी के कब्जे वाली सम्पत्ति पर हिस्सेदारी माँगी थी। याचिकाकर्ता के जैविक माता-पिता की मौत उसके बचपन में ही हो गयी थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि माता-पिता की मौत के बाद उसकी मौसी व मौसा ने उसे गोद लिया था। वर्ष 2003 में उसके मौसा की मौत हो गयी। वह गोद ली हुई बेटी के नाते सम्पत्ति में अपनी हिस्सेदारी माँग कर रही थी।
मौसी ने सम्पत्ति का बँटवारा करने से किया इनकार
उसकी मौसी ने अपनी सम्पत्ति का बंटवारा करने से इनकार कर दिया तो वानजा ने ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर की लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए उसके दावे को नकार दिया। इसके बाद आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने भी उसकी याचिका खारिज कर दी थी। लिहाजा उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता के पास ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जो यह साबित करता हो कि तय प्रावधानों के तहत उसे गोद लिया गया था। यहाँ तक कि याचिकाकर्ता की दादी का भी यह कहना था कि उसके मौसा व मौसी ने उसे गोद नहीं लिया था बल्कि उसकी परवरिश की थी।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।

शुभजिताhttps://www.shubhjita.com/
शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।
Latest news
Related news