थूथुकुडी : तमिलनाडु के थूथुकुडी जिला परिसर में खुले ‘कैफे एबल’ से 12 दिव्यांगों को रोजगार मिला है। दरअसल, पिछले दिनों 12 दिव्यांग कलेक्टर संदीप नंदूरी के पास नौकरी माँगने पहुंचे थे। दिव्यांगों से बातचीत के दौरान डीएम उनसे प्रभावित हुए और उन्हें कलेक्ट्रेट परिसर में ही कैफे खुलवाने का प्रस्ताव दिया और वे मान गए। सभी दिव्यांग आराम से काम कर सकें, इसलिए उन्हें 45 दिन की होटल मैनेजमेंट की ट्रेनिंग भी दिलवाई गई। अब यहां 12 दिव्यांग काम कर रहे हैं। इनमें से 11 लोकोमोटर दिव्यांग हैं।
उनके पैर चलने-फिरने की हालत में नहीं हैं जबकि एक सदस्य को सुनाई नहीं देता। अब डीएम संदीप नंदूरी अक्सर यहीं अपनी मीटिंग करते हैं। साथ ही खाना भी खाते हैं। डीएम संदीप नंदूरी बताते हैं- ‘मुझे अक्सर दिव्यांगों से नौकरियों के लिए याचिकाएं मिलती थीं, लेकिन सभी को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है। इसलिए हमने एक कैफे खोलने के विचार के साथ उन्हें अपना उद्यम चलाने में सक्षम बनाने का फैसला किया। कैफे की एक दिन की कमाई 10 हजार रु. है। कैफे की कमाई बैंक में जमा होती है। यहीं से दिव्यांगों को वेतन दिया जाता है।