नयी दिल्ली : इम्प्लॉयज प्रोविडेंड फंड ऑर्गनाइजेशन (ईपीएफओ) निर्णय लिया है कि पीएफ सदस्य नौकरी जाने के एक माह बाद अपने अकाउंट में कुल जमा राशि का 75 फीसदी हिस्सा निकाल सकता है, जबकि उसका अकाउंट भी चलता रहेगा। अब तक यह व्यवस्था थी कि बेरोजगार होने के दो माह बाद पीएफ मेंबर को केवल पूरा पैसा निकालने की ही इजाजत थी, जिस कारण उसका अकाउंट बंद हो जाता था। इसके अलावा सदस्यों को अपने बचे हुए 25 फीसदी पैसे को अगले दो माह के भीतर अंतिम सेटलमेंट के बाद निकालने का भी विकल्प दिया गया है।
ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक के बाद लेबर मिनिस्टर संतोष कुमार गंगवार ने बताया कि हमने योजना में संशोधन करते हुए पीएफ सदस्यों को बेरोजगार होने के एक माह के बाद अपने अकाउंट से 75 फीसदी पैसा निकालने की छूट देने का निर्णय लिया है। मंत्री ने कहा कि 75 फीसदी पैसा निकालने के बाद ईपीएफओ में अकाउंट रहना एक बड़ी सुविधा है, जिसे रोजगार मिलने के बाद फिर से चालू किया जा सकता है। हालांकि पहले यह प्रस्ताव रखा गया था कि बेरोजगार होने पर एक माह बाद 60 फीसदी राशि निकालने की इजाजत दी जाए, लेकिन सीबीटी ने यह सीमा बढ़ा कर 75 फीसदी कर दी। मंत्री ने आगे कहा कि ‘हमने आज सीबीटी मीटिंग में रखे गए पूरे एजेंडे को पास कर दिया। हमने फंड मैनेजरों का कार्यकाल 31 दिसंबर 2018 तक बढ़ाने के प्रस्ताव को पास कर दिया। 5 फंड मैनेजरों की नियुक्ति एक अप्रैल 2015 को तीन साल के लिए हुई थी, जिसे पहले 30 जून 2018 तक विस्तार दिया गया था। इसे अगले छह माह के लिए और बढ़ा दिया गया।’ साथ ही, ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेट फंड) मैन्युफैक्चरर्स एसबीआई और यूटीआई म्यचुअल फंड को एक साल का विस्तार देने का प्रस्ताव भी मंजूर लिया गया। मंत्री ने कहा कि ईपीएफओ का ईटीएफ निवेश जल्द 1 लाख करोड़ पार कर जाएगा। मई तक इसमें 47,431.24 करोड़ रुपये निवेश हो चुके हैं। जिस पर 16.07 फीसदी का रिटर्न मिला है।